scriptस्वयंसेवक राज्यपाल बन सकते हैं, तो भागवत राष्ट्रपति क्यों नहीं: शिवसेना | If RSS workers can be made Governors, why can’t Mohan Bhagwat be made President: Shivsena | Patrika News

स्वयंसेवक राज्यपाल बन सकते हैं, तो भागवत राष्ट्रपति क्यों नहीं: शिवसेना

Published: Jul 14, 2017 10:27:00 am

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की लगातार खिंचाई करते रहे हैं। इस बार उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाने पर भाजपा की खिंचाई की है।

Shivsena

Shivsena

मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की लगातार खिंचाई करते रहे हैं। इस बार उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति नहीं बनाने पर भाजपा की खिंचाई की है। ठाकरे ने कहा कि पार्टी आरएसएस के स्वयंसेवकों (कार्यकर्ताओं) को राज्यपाल बना रही है तो संघ प्रमुख भागवत को राष्ट्रपति बनाने में क्या हर्ज है। हमारी हार्दिक इच्छा है कि भागवत को राष्ट्रपति बनाया जाए। हिंदू राष्ट्र के हमारे संकल्प के लिए वे सबसे योग्य उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा, राज्यपालों की नियुक्ति पर गौर कीजिए। आरएसएस के कार्यकर्ताओं को अगर राज्यों का राज्यपाल बनाया जा सकता है तो भागवत को राष्ट्रपति बनाने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। 

ठाकरे निवास मातोश्री नहीं जाएंगे कोविंद, तोड़ेंगे परंपरा
राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद समर्थन जुटाने के लिए मुंबई दौरे पर जाएंगे, पर वह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री नहीं जाएंगे। कोविंद के यात्रा कार्यक्रम के अनुसार वह शनिवार को 10 बजे मुंबई पहुंचेंगे और दक्षिण मुंबई के गरवारे क्लब जाएंगे। वहां उन्हें सूबे के राजग विधायकों और सांसदों की बैठक को संबोधित करना है। इसके बाद वह सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि शुरू में थोड़ा विरोध जताने पर उद्धव ने भी कोविंद को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था, फिर भी कोविंद मातोश्री नहीं जाएंगे। 

प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी गए थे मातोश्री
हाल के समय में ऐसा पहली बार होगा जब राष्ट्रपति पद का कोई उम्मीदवार मुंबई दौरे पर होगा पर मातोश्री नहीं जाएगा। गौरतलब है कि संप्रग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा पाटिल ने भी तत्कालीन शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से उनके आवास मातोश्री में जाकर मुलाकात की थी। 

क्या छत्तीसगढ़ और कश्मीर में नोटबंदी नहीं हुई है 
छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या को लेकर भी ठाकरे मोदी के नोटबंदी करने पर भी व्यंग्य किया था। उन्होंने दावा किया कि, कहा जाता है कि गोहत्या इसलिए प्रभावी नहीं है कि कुछ राज्यों में यह लागू है, कुछ में नहीं है। इसका मतलब है कि छत्तीसगढ़ और कश्मीर में नोटबंदी नहीं हुई है क्योंकि नक्सलियों और आतंकियों को धन की कोई कमी नहीं हो रही है, वे हमले करते जा रहे हैं।



loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो