script

भारत चाहता था राष्ट्रपति के इंटरव्यू से हटाई जाए बोफोर्स की बात

Published: May 27, 2015 07:31:00 pm

स्वीडिश अखबार “डैगेन्स नायहेटर” ने जिस
तरह से इंटरव्यू को दिखाया है उसको लेकर भारत ने विरोध जताया है

President Pranab Mukherjee

President Pranab Mukherjee

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वीडिश अखबार को दिए इंटरव्यू में बोफोर्स स्कैम को लेकर बयान दिया था। राष्ट्रपति के बयान का ये मामला अब और गर्माता जा रहा है। इस पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। स्वीडिश अखबार “डैगेन्स नायहेटर” ने जिस तरह से इंटरव्यू को दिखाया है उसको लेकर भारत ने विरोध जताया है।

स्वीडिश अखबार को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि, “बोफोर्स स्कैम मीडिया ट्रायल था, जोकि किसी भी कोर्ट में साबित हो सकता है।” लेकिन इंटरव्यू के बाद में भारत ने स्वीडिश अखबार पर आरोप लगाया कि, उसने प्रणब मुखर्जी के बयानों को गलत तरह से पेश किया गया। राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि, राष्ट्रपति के दौरे की एहमियत को दर्शाने की बजाए, इंटरव्यू ने अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाया गया है।

आपको बता दें कि 31 मई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी स्वीडन के दौरे पर जाएंगे। भारत के विरोध का जवाब देते हुए डैगेन्स नायहेटर के संपादक ने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रमुख के महत्वपूर्ण जवाब को कैसे मैनेज किया जा सकता है। हमे इस इंटरव्यू को प्रकाशित कर अपने पाठकों के प्रति विश्वास पैदा करना चाहते हैं।”

वहीं स्वीडिश अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में अधिकारियों ने डैगेन्स नायहेटर को आधिकारिक खत भेजा है, जिसमें उन्होंने अपनी असहमति व्यक्त की है। साथ ही अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति का इंटरव्यू छपने से पहले भारतीय राजदूत ने संपादक से संपर्क कर बोफोर्स पर कही गई बातों को छापने के लिए मना किया था।

ट्रेंडिंग वीडियो