सस्ते दामों में चीन के सामान की बाढ़ को रोकने के लिए भारत ने एक नया तरीका निकाला है। भारत 16 देशों के व्यापार गुट के शुल्कों को कम करेगा।
नई दिल्ली। सस्ते दामों में चीन के सामान की बाढ़ को रोकने के लिए भारत ने एक नया तरीका निकाला है। भारत 16 देशों के व्यापार गुट के शुल्कों को कम करेगा। वाणिज्य विभाग चीनी सामान पर शुल्क रियायतों को कम से कम करने की तरीके निकाल रहा है।
चीन से भारत के व्यापार को तेजी से बढ़ रहा है घाटा
भारत लंबे समय से चीन के शुल्क रियायत को कम करने का मन बना रहा है क्योंकि भारत दूसरे देशों से भी सामान बहुत कम ड्यूटी पर आयात कर रहा है। भारत क्षेत्रीय व्यापक आथिर्क भागीदारी की व्यापार वार्ता की वजह से चीन के प्रोडक्ट्स के साथ अलग व्यवहार कर रहा है। बीजिंग से भारत को तेजी से व्यापार का घाटा बढ़ता जा रहा है। 2015-16 में भारत का चीन में निर्यात करीब 9 बिलियन डॉलर रहा है। वहीं चीन से भारत में आयात 61.7 बिलियन डॉलर रहा।
इस तरह से भारत को करीब 52.7 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ है।
फिलिपीन्स में होने वाली बैठक में रखा जाएगा ये प्रस्ताव
इसी वजह से भारत अपने शुल्क रियायतों को घटाने का फैसला किया है। फिलिपीन्स में 3 और 4 नवंबर को होने वाली अगली मंत्रिमंडल बैठक में इस नए दृष्टिकोण पर चर्चा की जाएगी। चीन के साथ अपने व्यापार घाटों को कम करने के लिए भारत ने एक तीन स्तरीय संरचना बनाई है। इसके लिए ड्यूटी कम करना ही एकमात्र रास्ता है।
शुल्क रियायत में कटौती करने से पहले महत्वपूर्ण कदम उठाएगा भारत
इससे पहले भारत ने चीन के साथ व्यापार पर ड्यूटी 42.5 प्रतिशत तक कम करने का प्रस्ताव रखा था। एक अधिकारी ने बताया कि हम लंबे समय से चीन के साथ रियायतों को कम करने का मन बना रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि शुल्क रियायतों में कटौती करने से पहले हम इस बात को पक्का कर लेंगे कि भारत में दूसरे देशों की रुचि कम ना हो जाए।