मंगलवार दोपहर संसद के सेंट्रल हॉल में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का शपथ ग्रहण समारोह में वंदे मातरम, भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगे।
नई दिल्ली। मंगलवार दोपहर संसद के सेंट्रल हॉल में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। समारोह में शपथ ग्रहण के बाद वंदे मातरम, भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगे। संसद में मौजूद कुछ सांसदों ने ये नारे लगाए। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहला मौका है जब संसद में जय श्रीराम जैसे नारे लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संसद की गरिमा और परंपराओं के खिलाफ है। संवैधानिक कार्यक्रमों में इस तरह के नारे लगाना गलत है।
मंगलवार को संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ ग्रहण के साथ ही
रामनाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति बन गए। दोपहर करीब 12.15 बजे आयोजित समारोह में मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने
रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसद मौजूद रहे।
दुल्हन की तरह सजा रायसीना हिल्स
नए राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद के स्वागत के लिए राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास रायसीना हिल्स को दुल्हन की तरह सजाया गया है। शपथ ग्रहण समारोह पूरा होने के बाद राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद संसद भवन से रायसीना हिल्स की ओर प्रस्थान करेंगे।
राष्ट्रपति कोविंद के भाषण की अहम बातें
– मैं विनम्रता के साथ पद ग्रहण कर रहा हूं।
– मेरी सेंट्रल हॉल आकर पुरानी यादें ताजा हुईं।
– छोटे गांव…..मिट्टी के घर में पला बढ़ा हूं।
– हर चुनौती के बावजूद हमारे देश के लिखित संविधान में सबका ध्यान रखा गया है।
– महान राष्ट्र के 125 करोड़ नागरिकों का नमन करता हूं, उनके विश्वास पर उतरने का वचन देता हूं।
– प्रणब दा को सर्वपल्ली राधाकृष्ण, राजेन्द्र प्रसाद की कड़ी से जोड़ा।
– भीमराव अम्बेडकर को भी याद किया।
– अम्बेडकर के लिए आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण थी।
– हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जो नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करें।
– देश की सफलता का मंत्र विविधता है, यही हमें अद्वितीय बनाता है ।
-हम बहुत अलग हैं लेकिन फिर भी एक हैं और एक जुट हैं।