नीतीश के इस्तीफे के बाद जेडीयू में बगावत बढ़ती जा रही है। राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कहा कि उनका जमीर नहीं कहता कि गठबंधन को तोड़कर बीजेपी के साथ हो जाएं।
पटना /नई दिल्ली: बिहार में
नीतीश कुमार भले ही बीजेपी के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुए हैं। लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। जेडीयू में दो फाड़ की स्थिति बन गई है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नीतीश के फैसले से नाराज हैं। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और जेडीयू नेता अली अनवर और राज्यसभा सदस्य वीरेंद्र सिंह ने नीतीश के फैसले पर नाराजगी जताई है। केरल इकाई ने नीतीश के साथ संबंध तोड़ लिया है।
गुरुवार को शरद यादव के घर पर हुई आपत्त बैठक में नाराज सांसद वीरेंद्र सिंह ने तो राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफे की धमकी दे डाली । बैठक में वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमने कभी सोचा नहीं था कि
नीतीश कुमार फांसीवाद का हिस्सा बनेंगे। नीतीश का यह बेहद ही चौकाने वाला फैसला है। ऐसे में अब कुछ बच नहीं जाता की उनके साथ मिलकर आगे काम किया जाए। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वो शरद यादव से भी
नीतीश कुमार के फैसले स्वीकार नहीं करने की उम्मीद करते हैं। सांसद सिंह ने कहा कि वो वापस केरल लौट रहे हैं। वहीं पर भविष्य का फैसला करेंगे।
महाराष्ट्र ईकाई ने भी उठाया सवाल
वहीं महाराष्ट्र जेडीयू ईकाई ने नीतीश के फैसले को गलत करार दिया है। महाराष्ट्र के एमएलसी कपिल पाटिल ने कहा कि वे जल्द ही इस पर बैठक बुलाएंगे और भविष्य को लेकर फैसला करेंगे।
शरद यादव-राहुल गांधी की मुलाकात
इससे पहले शरद यादव ने दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। शरद यादव ने कहा कि
नीतीश कुमार बीजेपी से हाथ मिलाकर अच्छा नहीं किया है।
जेटली करेंगे शरद से मुलाकात
इधर शरद यादव की नाराजगी वाली अटकलों पर वित्त मंत्री
अरुण जेटली शरद यादव से को मनाने के लिए घर जाएंगे। गठबंधन के मुद्दे पर जेटली शरद यादव से बात कर सकते हैं। बता दें कि
अरुण जेटली और शरद यादव 1974 से दोस्त हैं।
बीजेपी में जाने के मिल रहे थे संकेत
गौरतलब है कि बुधवार की शाम में नीतीश के इस्तीफे के बाद जेडीयू में दो फाड़ आ गई। राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कहा कि उनका जमीर नहीं कहता कि गठबंधन को तोड़कर बीजेपी के साथ हो जाएं। अली अनवर ने कहा कि पिछले काफी दिनों से बीजेपी के साथ जाने के संकेत मिल रहे थे, 23 जुलाई को नेशनल काउंसिल की बैठक होनी थी लेकिन रद्द कर दी गई। अगर मैं बैठक में होता तो इस बात को जरूर सामने रखता।
नीतीश का बिगड़ सकता है गणित
वहीं शरद यादव भी नीतीश के फैसले पर आपत्ति जताई है। सूत्रों की मानें, तो शरद यादव का कहना है महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का नीतीश का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। इससे बिहार में गलत संदेश जाएगा। बता दें कि जेडीयू में 5 मुस्लिम विधायक हैं, तो वहीं 11 विधायक यादव समुदाय से हैं। आशंका जताई जा रही है कि 16 विधायक नीतीश का गणित बिगाड़ सकते हैं।