भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हाल ही में मिले थे, लेकिन इसका बिहार विधानसभा के चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री से मिलने पर डील होती है क्या, उत्तर प्रदेश की दिक्कतों को लेकर मोदी से मिले थे और जब भी दिक्कतें आएंगी हम प्रधानमंत्री से मिलेंगे। प्रधानमंत्री किसी दल का नहीं होता, वह पूरे देश का होता है।
उन्होंने कहा, आप लोग तय करें कि महागठबन्धन टूटने के लिए कौन जिम्मेदार है। सीटों के बंटवारे से पहले यदि सपा से बात की गई होती तो शायद आज यह निर्णय नहीं होता। महागठबन्धन से अलग होने का निर्णय मजबूरी में लेना पड़ा। सपा अपने कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकती।
उन्होंने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचन्द्र यादव भी मौजूद थे। नगर विकास मंत्री मोहम्म्द आजम खान और महासचिव किरण मय नन्दा बाहर होने की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सके।
गौरतलब है कि “जनता परिवार” को एक करने के लिए जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौडा की जनता दल (सेकुलर), इंडियन नेशनल लोकदल और कमल मोरारका की समाजवादी जनता पार्टी का एक “महागठबंधन” बनाया गया था। महागठबन्धन का संयोजक सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को बनाया गया था।
यादव के दिल्ली आवास पर देेवेगौडा, नितीश कुमार, शरद यादव, श्री चौटाला और कमल मोरारका की तीन बार बैठके भी हुई। सभी ने प्रान्तवार मिलजुल कर चुनाव लडने का निर्णय लिया था, लेकिन महागठबन्धन को एक रखने की जिम्मेदारी संभाले सपा के अलग होते ही अब गठबन्धन को एकजुट रखना बडी चुनौती होगी।
उन्होंने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचन्द्र यादव भी मौजूद थे। नगर विकास मंत्री मोहम्म्द आजम खान और महासचिव किरण मय नन्दा बाहर होने की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सके।
यादव के दिल्ली आवास पर देेवेगौडा, नितीश कुमार, शरद यादव, श्री चौटाला और कमल मोरारका की तीन बार बैठके भी हुई। सभी ने प्रान्तवार मिलजुल कर चुनाव लडने का निर्णय लिया था, लेकिन महागठबन्धन को एक रखने की जिम्मेदारी संभाले सपा के अलग होते ही अब गठबन्धन को एकजुट रखना बडी चुनौती होगी।