वाड्रा के जमीन मामले की जांच कर रहे ढींगरा आयोग ने और समय मांगा
Published: Jul 01, 2016 12:24:00 am
हरियाणा की मौजूदा भाजपा सरकार ने गुडग़ांव में कुछ
कंपनियों को दिए गए लाइसेंसों की जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त)
एस.एन.ढींगरा की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन किया था
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काईलाईट हॉस्पिटैलिटी तथा कुछ अन्य कम्पनियों को हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान दिए गए वाणिज्यिक लाइसेंसों की जांच के लिए गठित ढींगरा आयोग ने रिपोर्ट पेश करने के लिए और छह सप्ताह का समय मांगा है। हरियाणा की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने गुडग़ांव में कुछ कंपनियों को दिए गए लाइसेंसों की जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस.एन.ढींगरा की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन किया था।
न्यायमूर्ति ढींगरा ने गुरुवार को कहा कि उन्हें लाइसेंस देने से लाभ कमाने वाले लोगों के बेनामी लेन देन से संबंधी कुछ नये दस्तावेज की जांच के लिए कुछ और समय चाहिए। आयोग वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी और रिएल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच गुडग़ांव के शिकोहपुर गांव स्थित साढ़े तीन एकड़ जमीन के लिए 58 करोड़ रुपए के सौदे की जांच कर रहा है, जिसे वरिष्ठ आईएएस अधिकार अशोक खेमका ने अक्टूबर 2012 में रद्द कर दिया था।
हरियाणा सरकार ने इससे पहले आयोग का कार्यकाल दो बार बढ़ाया है। शुरुआत में इसका कार्यकाल छह माह का था जिसे सरकार ने गत वर्ष दिसम्बर में दूसरी बार छह माह के लिए बढ़ा दिया था। गत 17 जून को सरकार ने आयोग का कार्यकाल 30 जून तक बढ़ाया था।
राज्य सरकार ने आयोग का गठन 14 मई 2015 में किया था तथा आठ जून से इसने अपना कार्य शुरू किया था। शुरुआत में इसे गुडग़ांव के सेक्टर 83 में दिए गए वाणिज्यिक लाइसेंस की जांच का कार्य सौंपा गया था लेकिन बाद में इसका दायरा बढ़ाकर सेक्टर 78 से 86 तक कर दिया गया।