scriptकपिल ने दवा खरीदी में 300 करोड़ रु. के घोटाले का लगाया आरोप  | Kapil's new allegations: Kejriwal govt improperly procured medicines & over paid for ambulances | Patrika News

कपिल ने दवा खरीदी में 300 करोड़ रु. के घोटाले का लगाया आरोप 

Published: May 27, 2017 01:44:00 pm

Submitted by:

Iftekhar

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार आरोप लगा रहे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में दवाइयों की खरीद में 300 करोड़ रुपए का घोटाला होने का आरोप लगाया है।  उन्होंने मंत्रालय में तबादले और नियुक्तियां तथा एम्बुलेंस खरीद में भी गड़बड़यिों के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इन तीनों घोटालों पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कराऊंगा। 

Kapil mishra ends hunger strike

Kapil mishra ends hunger strike

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार आरोप लगा रहे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में दवाइयों की खरीद में 300 करोड़ रुपए का घोटाला होने का आरोप लगाया है। मिश्रा ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में 300 करोड़ रुपए का दवा घोटाला हुआ है। इस राशि की दवाइयां खरीदी जा चुकी है, किन्तु यह अस्पतालों में अभी तक पहुंची नहीं है। उन्होंने मंत्रालय में तबादले और नियुक्तियां तथा एम्बुलेंस खरीद में भी गड़बड़यिों के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इन तीनों घोटालों पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कराऊंगा। 

कपिल ने लगाए कई गंभीर आरोप
करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना मोहल्ला क्लिनिक पर भी अगले एक-दो दिन में हुई गड़बड़यिों का पर्दाफाश करूंगा। उन्होंने एम्बुलेंस खरीद घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि टाटा, जिस एम्बुलेंस को आठ लाख रुपए में उपलब्ध कराने के लिए तैयार है, सरकार ने उन्हें 23 लाख रुपए में खरीदा। सरकार का तर्क था कि यह एम्बुलेंस अग्निरोधी है, किन्तु लांच होने से पहले ही दो एंबुलेंस जल गई। स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पर तबादले और नियुक्तियों में गड़बड़यिों का आरोप लगाते हुये श्री मिश्रा ने कहा कि 30 एमएस की नियुक्ति की गई, जिसमें वरिष्ठ डाक्टरों को हटाकर कनिष्ठ को नियुक्त कर दिया गया। 

कपिल ने केजरीवाल के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा
केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) से भी उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। मिश्रा ने आरोप लगाया कि अस्पतालों में दवाओं को खरीदने का अधिकार खत्म कर सीपीए को दे दिया गया। तरुण सीम को चार पद दिए गए और सॉफ्टवेयर के जरिए दवाइयों की खरीद की जाने लगी । दवाइयों को रखने के लिए तीन गोदाम बनाए गए । सरकार ने तीन से छह माह की दवाएं पिछले साल अग्रिम में खरीद ली, किन्तु वह अस्पतालों को मुहैया नहीं कराई गई और गोदामों में पड़ी-पड़ी खराब हो गईं।
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