शासन के प्रति गंभीर नहीं हैं केजरीवाल : शीला दीक्षित
Published: May 27, 2015 02:57:00 pm
पंद्रह साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल सरकार को लेकर गंभीर नहीं है
नई दिल्ली। उपराज्यपाल नजीब जंग के अधिकारों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना का समर्थन करते हुए दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कहा कि सरकार चलाने को लेकर गंभीर नहीं हैं।
पंद्रह साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं दीक्षित ने एक टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में कहा कि केजरीवाल सरकार को लेकर गंभीर नहीं है। यह इस बात से साफ है कि वह सरकार बनने के बाद से एक न एक विवाद से घिरे रहे हैं।
उनका कहना था कि लड़ाई करने से सरकार नहीं चलती। जनता ने भारी बहुमत से जिताया है और उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझते हुए शासन चलाने पर अपना ध्यान देना चाहिए। सरकार चलाना मजाक नहीं है। लोगों को सुविधाएं देना और अपने काम करना ही सरकार की जिम्मेदारी है।
दीक्षित ने कहा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल से काम की अपेक्षा करती है और उन्हें शासन करने पर ध्यान देना चाहिए। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय की अधिसूचना पर चर्चा के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया है। सत्र के पहले दिन मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने अधिसूचना के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा में भाग लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने केन्द्र सरकार और उपराज्यपाल पर जमकर प्रहार किए।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना पर दीक्षित ने कहा, गृह मंत्रालय की अधिसचूना गलत नहीं है। केजरीवाल या तो संविधान को समझें या संविधान को बदलने की लड़ाई लड़ें। उपराज्यपाल और केजरीवाल के बीच जारी टकराव पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, आप उपराज्यपाल की केन्द्र से शिकायत कर सकते हैं, लेकिन उन्हें हटा नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि इन विवादों से अफसरों का मनोबल गिरेगा। कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त की गई शकुन्तला गैमलिन पर केजरीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए दीक्षित ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एक चिटी की वजह से ऎसे निराधार आरोप लगाए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, उपराज्यपाल अपने पद की गरिमा और छवि को बचाने में लगे हुए हैं। उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विवाद को बेवजह खींचा जा रहा है। विवाद सुलझाने के लिए तो कोई कोशिश होती नजर नहीं आ रही।