ऊना मामला : दलित पीडि़त की फर्जी मां बनकर मिली राहुल गांधी से
Published: Jul 23, 2016 11:13:00 am
राहुल गांधी की सिक्युरिटी में हुई यह बड़ी चूक, पीडि़त अखबार में फोटो देख हुए हैरान
राजकोट। राहुल गांधी की सिक्युरिटी में चूक का मामला सामने आया है। हाल ही राहुल गुजरात के ऊना में दलित पीडि़तों से मुलाकात करने पहुंचे थे। यहां अस्पताल में राहुल ने एक महिला को गले लगाकर मदद का भरोसा दिया था। इस महिला का दावा था कि वह एक पीडि़त की मां है, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि यह महिला न तो किसी पीडि़त की मां है और न ही रिश्तेदार। यहां तक कि यह तो दलित समाज की भी नहीं है। केवल राहुल गांधी से मिलने के लिए इस महिला ने जोड़ तोड़ किया था। पीडि़तों ने जब अखबार में इस महिला की फोटो देखी तो वे चौंक गए।
पड़ताल में पता चला है कि यह महिला राजकोट निवासी रमा मूछडिय़ा है। राहुल के दौरे की जानकारी मिलने पर इस महिला ने एक दिन पहले ही रमा सरवैया के नाम से पास हासिल कर लिया था। इसके बाद वह पीडि़त वेशराम सरवैया के बेड के पास आकर बैठ गई और जब राहुल आए तो खुदको वेशराम की मां बताया।
वेशराम के कजिन भाई वालजी ने बताया कि महिला 20 जुलाई को वार्ड में आई थी और सबसे कहा कि वह हमें इंसाफ दिलाएगी। सभी पीडि़तों को भरोसे में लेने के बाद 21 जुलाई को सुबह से ही वह वॉर्ड में आकर मरीजों के पास बैठ गई। महिला ने राहुल से कहा कि अब हम उस गांव में नहीं रहेंगे। इस पर भावुक हुए राहुल ने उसे गले लगा लिया और मदद का भरोसा दिया। राहुल ने यहां दलित पीडि़तों के बीच करीब 35 मिनट तक समय बिताया।
सवाल यह उठता है कि आखिर राहुल की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। जेड प्लस सिक्युरिटी वाले किसी भी वीवीआईपी के दौरो और मुलाकात के वक्त कौन-कौन मौजूद रहेगा, इसकी लिस्ट पहले से ही लोकल पुलिस की स्पेशल यूनिट को देनी होती है। इसी के आधार पर पुलिस पास जारी करती है। राजकोट में मरीजों के साथ रहने वाले लोगों के बारे में पुलिस ने कोई पड़ताल ही नहीं की। खुद को दलित की मां बताने वाली रमा के बदले वहां कोई आतंकी या असामाजिक तत्व भी हो सकता था और राहुल पर हमला कर सकता था।
पीडि़त वेशराम ने बताया कि शुक्रवार को अखबार में रमा मूछडिय़ा की राहुल के साथ फोटो देखकर हम चौंक गए। वॉर्ड में इलाज करवा रहे किसी भी मरीज के साथ इस महिला के पारिवारिक संबंध नहीं हैं। मेरी झूठी मां बनकर वो राहुल से मिली, हम शर्मसार महसूस कर रहे हैं। उधर रमा ने दावा किया है कि पीडि़त मेरे समाज के हैं, मैं 65 साल की हूं तो इस हिसाब से मैं उनकी मां ही हुई ना? मैं भी दलित समाज की हूं।