बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच मर्यादा और शुचिता को ताक पर रखकर होने वाली बयानों की राजनीति ने शर्मनाक रूप धारण कर लिया है। बीते दिनों भाजपा नेता रूपा गांगुली ने बंगाल की मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दुष्कर्म पर बड़ा बयान दिया था, जिसके बाद शनिवार को तृणमूल के एक मंत्री ने उसका पलटवार किया है।
नई दिल्ली। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच मर्यादा और शुचिता को ताक पर रखकर होने वाली बयानों की राजनीति ने शर्मनाक रूप धारण कर लिया है। बीते दिनों भाजपा नेता रूपा गांगुली ने बंगाल की मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दुष्कर्म पर बड़ा बयान दिया था, जिसके बाद शनिवार को तृणमूल के एक मंत्री ने उसका पलटवार किया है। पश्चिम बंगाल के ऊर्जा मंत्री सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि राज्य के बारे में ऐसा भद्दा बयान देने से पहले रूपा गांगुली बताएं कि बंगाल में उनके साथ कितनी बार दुष्कर्म हुआ है।
यह कहा था रूपा ने
दरअसल, रूपा गांगुली ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर बाहर के टीएमसी समर्थक अपनी बहू-बेटियों, माताओं और पत्नियों को
ममता बनर्जी का मेहमान बनाए बगैर बंगाल भेजकर दें और 15 दिनों में उनका दुष्कर्म न हो जाए तो आकर मुझे बताएं। उनके इस बयान के बाद से राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
राजनीतिक लाभ चाहती हैं रूपा: सोभनदेव
ऊर्जा मंत्री चट्टोपाध्याय ने कहा कि किसी भी नेता को अपने राज्य के बारे में कुछ भी कहने से पहले दस बार सोचना चाहिए कि वे किस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन संस्कार अपनी जगह। उन्होंने कहा कि वे बस राजनीतिक लाभ लेना चाहती हैं, लेकिन इससे राज्य के लोगों का ही अपमान हो रहा है। किसी के कहने से कुछ नहीं होता है। हालांकि रूपा ने भी ये भी कहा था कि अगर 15 दिनों तक बंगाल में कोई महिला सुरक्षित रह जाती है, तो वे अपना बयान वापस लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा 15 दिन मैंने ज्यादा बोल दिए, मुझे और कम बोलना चाहिए था। बंगाल से इन दिनों लगातार हिंसा की खबरें आ रही हैं। पहले दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर हिंसा जारी है और उसके बाद बसीरहाट में दो गुटों में संघर्ष की खबरें चर्चा में रहीं थी।