अब एक सर्वे में सामने आया है कि, मोदी भले विदेशी दौरे को लेकर निशाने पर हैं लेकिन मनमोहन सिंह ने भी कम दौरे नहीं किए थे।
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा को लेकर विपक्ष हमेशा से ही सवाल
खड़े करता रहा है। राहुल गांधी ने तो संसद में भी मोदी की विदेश यात्रा पर तीखे
व्यंग्य किए हैं। राहुल ने लोकसभा में पीएम पर ताने मारते हुए कहा था कि मोदी जी
भारत दौरे पर हैं वह बदहाल किसानों से क्यों नहीं जाकर मिलते। पीएम की विदेश यात्रा
को लेकर तंज करते हुए सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था कि मोदी जब
मुख्यमंत्री थे तब उन्हें वीजा नहीं मिलता था, इसलिए उसका कसर अब निकाल रहे
हैं।
अब एक सर्वे में सामने आया है कि, मोदी भले विदेशी दौरे को लेकर निशाने
पर हैं लेकिन मनमोहन सिंह ने भी कम दौरे नहीं किए थे। यदि एक साल के कार्यकाल में
मोदी और मनमोहन सिंह के विदेशी दौरों को देखें तो पता चलता है कि मनमोहन सिंह भी
मोदी से विदेशी दौरों के मामले में कम नहीं रहे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक,
पहले साल में मोदी 51 दिन विदेशी दौरों पर रहे। इस दौरान इन्होंने 17 देशों की
यात्रा की। दूसरी तरफ मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के पहले साल 47 दिन विदेश में रहे।
इस दौरान उन्होंने 12 देशों की यात्रा की। दिनों का फर्क दोनों में महज चार का है,
इसके बावजूद मनमोहन सिंह 12 देशों में ही पहुंच पाए।
महाराष्ट्र के
कोल्हापुर में शनिवार को आयोजित भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा अध्यक्ष
अमित शाह ने नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस की
आपत्तियों को गैरजरूरी बताया, शाह ने कहा कि मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह के बराबर ही विदेश यात्राएं की हैं। इसको लेकर कांग्रेस को ज्यादा शोर नहीं
मचाना चाहिए। शाह ने कहा, कि मैं जब लोगों से सुनता हूं कि मोदी केवल विदेश जाने के
ही इच्छुक रहते हैं। यही कारण है कि पीएम ने एक साल में ढेरों विदेश यात्राएं कर ली
हैं। लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मोदी ने उतनी ही यात्राएं की हैं, जितनी
मनमोहन ने की थी। दोनों की यात्राओं में सिर्फ एक अंतर है कि लोग पूर्व पीएम के
दौरे के बारे में कभी जान ही नहीं पाए।