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फिर बोली मनमोहन सिंह की कलम- नोटबंदी के फैसले को बताया बड़ी आपदा, मुश्किल दौर के लिए तैयार रहे देश

Published: Dec 10, 2016 11:30:00 am

Submitted by:

राहुल

पूर्व प्रधानमंत्री और जाने माने अर्थशास्त्री डा. मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी को बड़ी आपदा करार देते दुए जनता से मुश्किल दौर का सामना करने के लिए आगाह किया है..

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पूर्व प्रधानमंत्री और जाने माने अर्थशास्त्री डा. मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी को बड़ी आपदा करार देते दुए जनता से मुश्किल दौर का सामना करने के लिए आगाह किया है। एक अंग्रेजी अखबार में अपने लेख में डा मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा है कि नोटबंदी का मोदी सरकार का फैसला जल्‍दबाजी में उठाया हुआ है। इससे देश की आम जनता को भारी परेशानियां झेलनी होगी।
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उन्‍होंने अपने लेख में कहा है कि देश आने वाले मुश्किल दौर के लिए तैयार रहे। उन्‍होंने लिखा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने का मोदी सरकार का फैसला जल्‍दबाजी में उठाया हुआ है। इससे आने वाले समय में देश की आम जनता को भारी परेशानियां झेलनी होगी। पूर्व प्रधानमंत्री ने लिखा, ”इस फैसले ने 100 करोड़ से ज्‍यादा भारतीयों के आत्‍मविश्‍वास को समाप्‍त कर दिया। इस फैसले से प्रधानमंत्री ने लाखों भारतीयों का भारत सरकार में अपनी और अपने धन की सुरक्षा को लेकर कायम भरोसा और विश्वास चकनाचूर कर दिया है। मोदी सरकार का यह सोचना गलत है कि सारा कैश कालेधन में और सारा कालाधन कैश में मौजूद है। यह मान्‍यता असलियत से दूर है।”

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मनमोहन सिंह के अनुसार, ”देश की 90 प्रतिशत से ज्यादा जनता आज के समय में कैश पर निर्भर है। इनमें सैकड़ों खेती से जुड़े कामगार, निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोग और अन्‍य शामिल हैं। इस फैसले का जीडीपी ग्रोथ रेट और नई नौकरियां पैदा होने पर खराब असर हो सकता है। मेरी यह राय है कि बतौर एक देश हमें आगामी महीनों में मुश्किल वक्‍त के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।” हालांकि उन्‍होंने कहा कि अगर नोटबंदी के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा जाली नोट, कालेधन और भ्रष्‍टाचार से मुकाबला करना है तो यह सराहनीय प्रयास है। लेकिन उन्‍होंने चेताया कि एक लोकप्रिय कहावत है कि आपको अपने इरादे के अनुसार काम करना चाहिए नहीं तो दिक्‍कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस फैसले के संबंध में इस कहावत को उपयोग चेतावनी और मिसाल के रूप में देखा जा सकता है।

इससे पहले मनमोहन सिंह ने संसद में भी भी कांग्रेस का पक्ष रखते हुए कहा था कि मोदी सरकार का 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला ‘प्रबंधन की विशाल असफलता’ है और यह संगठित एवं कानूनी लूट-खसोट का मामला है। सिंह ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा था कि इस फैसले से सकल घरेलू उत्पाद में दो फीसदी की कमी आएगी जबकि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।

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