पाक कश्मीर में मुश्किलें बढ़ा रहा, मोदी समाधान निकालेंगे : महबूबा
Published: Aug 27, 2016 10:43:00 pm
मोदी के आवास के बाहर महबूबा ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा से प्रधानमंत्री बेहद दुखी हैं
नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए शनिवार को पाकिस्तान व अलगाववादी नेताओं की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उम्मीद जताई कि मामले से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य को इस संकट से जरूर उबारेंगे। घाटी में 50 दिनों से जारी अशांति में अब तक 70 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। महबूबा ने मोदी से सात रेस कोर्स स्थित उनके आवास पर मुलाकात की, जिस दौरान दोनों ने कश्मीर के हालात पर चर्चा की।
मोदी के आवास के बाहर जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर संकट पर उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया। महबूबा ने कहा, कश्मीर में हो रही मौतों से प्रधानमंत्री उतना ही चिंतित व दुखी हैं, जितना हम। घाटी में हिंसा फैलाने का आरोप सीधे पाकिस्तान पर लगाते हुए उन्होंने कहा कि भड़काए जाने पर कश्मीर के युवा सुरक्षाबलों व पुलिस थानों पर हमले कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं पाकिस्तान से कहना चाहती हूं कि यदि उनके दिल में कश्मीरियों के लिए जरा सी भी सहानुभूति है, तो उन्हें युवाओं को पुलिस थानों पर हमला करने के लिए उकसाना बंद करना चाहिए और युवाओं को मौत के मुंह में जाने से बचाना चाहिए। विपक्ष में रहने पर अलगाववादियों तथा पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपनाने वाली महबूबा ने कश्मीर में हालात के लिए पहली बार मुखर होकर इस्लामाबाद पर सीधा आरोप लगाया है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान का एक सुनहरा मौका पाकिस्तान ने खो दिया, जब मोदी बीते साल दिसंबर में लाहौर गए थे, जिसके बाद दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस्लामाबाद का दौरा किया।
उन्होंने कहा, अगर वह कश्मीर में शांति चाहता है, तो यह समय पाकिस्तान को प्रतिक्रिया (भारत को) व्यक्त करने का है। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद शुरू हुई हिंसा के बाद मोदी के साथ महबूबा की पहली बैठक थी। महबूबा ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए सभी पक्षों से वार्ता की वकालत की, लेकिन उन्होंने अलगाववादी नेताओं से हिंसा से दूर रहने को कहा।
उन्होंने कहा, उन्हें (अलगाववादी) फैसला करना है कि वे वार्ता चाहते हैं या नहीं। एक तरफ तो वे सुरक्षाबलों व सेना के शिविरों पर युवाओं को हमले के लिए कहते हैं। वार्ता उनके साथ होनी चाहिए, जो कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। अन्य के लिए यह बस एक व्यापार है। जो लोगों को उकसाते हैं और रक्तपात का कारण बनते हैं, उन्हें वार्ता से क्या मतलब।
उन्होंने उस अलगाववादी धारणा को खारिज कर दिया, जिसके मुताबिक संयुक्त राष्ट्र कश्मीर समस्या का समाधान कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरियों के सपनों को साकार करने के लिए भारतीय लोकतंत्र में पर्याप्त जगह है।
उन्होंने कहा, यदि मोदी चाहते और निश्चित तौर पर वह चाहते हैं कि कश्मीर मुद्दे का समाधान निकले। मोदी जी की बहुमत की सरकार है और इस बार अगर हालात नहीं बदले, तो फिर कभी नहीं बदलेंगे। मुझे प्रधानमंत्री से बेहद उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कश्मीरी प्रदर्शनकारियों से जोशपूर्वक शांति की अपील की और कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए एक मौका मांगा।
कश्मीर घाटी में अलगाववादियों की ओर से आहूत बंद व तनाव तथा हिंसक झड़पों के बीच शनिवार को 50वें दिन भी प्रतिबंध जारी हैं। संघर्ष में मरने वालों की संख्या 71 पार हो गई है। घाटी में शनिवार को झेलम नदी से एक युवक का शव बाहर निकाला गया, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा खदेड़े जाने के बाद शुक्रवार को उसने नदी में छलांग लगा दी थी।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि शाहनवाज खान (24) का शव दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा क्षेत्र के संगम गांव के पास नदी से निकाला गया। यह स्थान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का गृहनगर है। महबूबा ने कहा, ये वही युवक और बच्चे हैं, जो सार्वजनिक रैलियों में मेरे साथ थे। मुझे एक मौका दीजिए मैं कश्मीर मुद्दे को सुलझा दूंगी। सरकार का कार्यभार संभाले मुझे मात्र दो महीने हुए हैं और इतना बड़ा बवाल आ गया।