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कांग्रेस भूली नरसिंहा राव को, भाजपा बनवाएगी स्मारक स्थल

Published: Mar 31, 2015 10:12:00 pm

एनडीए सरकार ने यमुना नदी के तट पर एकता स्थल पर राव का एक स्मारक बनाने का प्रस्ताव बनाया है

नई दिल्ली। कांग्रेस ने भले ही पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भूला दिया हो। लेकिन मोदी सरकार ने उन्हें प्रासंगिक बनाए रखने का बीड़ा उठाया है, मोदी सरकार ने दिल्ली के एकता स्थल पर नरसिम्हा राव की याद में एक स्मारक बनाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप भी दे दिया है। सूत्रों ने बताया कि एनडीए सरकार ने यमुना नदी के तट पर एकता स्थल पर राव का एक स्मारक बनाने का प्रस्ताव बनाया है।

आंध्र प्रदेश सरकार से प्रस्ताव मिलने के बाद शहरी विकास मंत्रालय ने इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार किया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने राव की याद में दिल्ली में एक स्मारक बनवाने का प्रस्ताव भेजा है। उन्हें देश में आर्थिक सुधार का अगुवा माना जाता है। उन्होंने 1991 से 1996 के दौरान केंद्र में कांग्रेस सरकार की अगुवाई की थी। 2004 में उनके निधन के बाद कांग्रेस नेतृत्व वाली तत्कालीन संप्रग सरकार ने उनके लिए कोई भी स्मारक बनवाने से मना कर दिया था। वास्तव में 2013 में संप्रग सरकार ने फैसला लिया कि किसी भी नेता के लिए अलग स्मारक नहीं होगा। इसके लिए जगह की कमी का हवाला दिया गया था। हालांकि, जगह की कमी को ध्यान में रखते हुए एक आम स्मारक स्थल बना है। 22.56 एकड़ में फैला एकता स्थल विजय घाट और शांति वन के बीच स्थित है। इस परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री आइके गुजराल, चंद्रशेखर, पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायण और आर. वेंकटरमन के स्मारक हैं। एक अधिकारी ने बताया कि समाधि परिसर में नौ स्मारकों के लिए स्थान है। इनमें से छह बन चुके हैं, जबकि तीन खाली हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने ऎसे वक्त में देश को राह दिखाई जब देश आर्थिक मंदी की मार से जूझ रहा था। राव देश को उदारीकरण और वैश्वीकरण की राह पर ले गए। लेकिन दस जनपथ के दरबारियों को उनका पांच साल टिकना और गांधी परिवार से अलग पहचान बनाने की कोशिश रास नहीं आई। आखिरकार दस जनपथ के दरबारियों ने उनके दौर में हुए घोटालों का हवाला देते हुए उन्हें ऎसी राह पर डाल दिया जहां कोई उनके जीते जी नहीं फटका। मौत के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद भेज दिया गया। लेकिन सत्ता बदली तो टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने कमान संभाली। मोदी से मिले और नरसिम्हा राव का स्मारक बनाने की पुरजोर वकालत की।
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