नई दिल्ली। संसद के शीत सत्र की औपचारिक शुरुआत 26 नवंबर से हो चुकी है, लेकिन विधिवत कामकाज सोमवार से शुरू होगा। विपक्ष ने दोनों सदनों में असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। इस पर सोमवार को संसद में चर्चा होगी। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए तैयार है। सरकार ने विपक्ष को कड़ा जवाब देने के लिए कमर कस ली है।
विपक्ष समाज में बढ़ती असहिष्णुता व भड़काऊ बयान देने वाले कुछ मंत्रियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। कांग्रेस व जदयू ने राज्यसभा में कामकाज स्थगित कर नियम 267 के तहत चर्चा का नोटिस दिया है। वहीं, कांग्रेस व माकपा ने नियम 193 के तहत लोकसभा में चर्चा का नोटिस दिया है। इसमें वोटिंग या कामकाज स्थगित करने की जरूरत नहीं होगी।
लोकसभा की विषय सूची में सोमवार को यह मुद्दा शामिल है, वहीं राज्यसभा में इस हफ्ते यह कभी भी हो सकती है। फिलहाल राज्यसभा में डॉ. आंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर भारतीय संविधान के प्रति वचनबद्धता पर चर्चा हो रही है। इसके बाद ही उच्च सदन में असहिष्णुता पर चर्चा होगी।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर से शुरू हुए शीत सत्र के पहले दो दिन लोस में संविधान पर चर्चा कराई गई। इसमें विपक्ष ने चर्चा रोकने की तो कोशिश नहीं की, लेकिन बढ़ती असहिष्णुता व सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सरकार पर निशाने साधे। हालांकि इस मुद्दे पर असली टकराव इस हफ्ते होगा, जब सरकार विधायी कामकाज शुरू करेगी। विपक्ष के एक नेता ने कहा है कि विपक्ष के मुद्दों पर सरकार के रुख से संसद का कामकाज तय होगा।
Home / Political / असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार ने कसी कमर, विपक्ष को देगी जवाब