सपा अध्यक्ष ने कहा कि वह साम्प्रदायिक शक्तियों को कामयाब नहीं होने देंगे, इसके लिए यदि उनकी पार्टी की सरकार भी कुर्बान हो जाए तो चिन्ता नहीं। उन्होंने कहा कि सपा साम्प्रदायिक सद्भाव को सबसे ज्यादा जरूरी मानती है, क्योंकि इसके बगैर विकास सम्भव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की घटनाओं को देखते हुए साम्प्रदायिक सौहार्द और भी जरूरी हो गया है। दादरी की घटना के लिए जिम्मेदार माने जा रहे तीनों लोगों के नाम की पुष्टि होते ही वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहेंगे। उत्तर प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए इस तरह की साजिश की जा रही है।
अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में अयोध्या की 30 अक्टूबर और दो नवम्बर 1990 की घटना का जिक्र करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्रीय नेताओं ने उस समय उनका साथ केवल पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चन्द्रशेखर ने दिया था, हालांकि चन्द्रशेखर की भी कुछ बातें उन्होंने नहीं मानी थी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में उन्होंने संविधान की रक्षा की, हालांकि कुछ अप्रिय और कठोर निर्णय लेने पड़े थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति नरम रूख अपनाते हुए मुलायम ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह मोदी से बात करेंगे। सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाले प्रधानमंत्री को भी सोचना पड़ेगा। ऎसी घटनाएं विकास में बाधक होती है। सबका साथ नहीं मिलेगा तो विकास कैसे सम्भव है।