नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को इफ्तार पार्टी आयोजित की। इसमें दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग,पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता शामिल नहीं हुए। इस बार आयोजन में शामिल होने वाले गणमान्य लोगों में केवल उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी शामिल थे। अंसारी इफ्तार पार्टी में दस मिनट रूके।
पिछले साल नजीब जंग और शीला दीक्षित के अलावा तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य दलों के प्रतिनिधियों और कई राजनयिकों ने हिस्सा लिया था। जंग और गुप्ता की गैर मौजूदगी के बारे में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा,हो सकता है निजी कारणों से वे शामिल नहीं हुए।
इंदिरा गांधी स्टेडियम में खुले मैदान में आयोजित पार्टी में सभी संजय सिंह,कुमार विश्वास के अलावा सभी मंत्री और विधायक शामिल हुए। बारिश ने इफ्तार पार्टी का रंग थोड़ा फीका कर दिया। बारिश की वजह से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा।
इफ्तार पार्टी में 7 हजार पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित थे। इनमें से कई लोग ऐसे थे जो दिल्ली के बाहर से आए थे। करीब 50 लोग वेन्यू के बाहर विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि इफ्तार पार्टी आयोजित करने के लिए उर्दू एकेडमी के फंड का इस्तेमाल किया गया है। आम आदमी पार्टी ने उर्दू एकेडमी फंड के इस्तेमाल को सही ठहराया है।
उर्दू एकेडमी के सदस्य मोहम्मद अतहरुद्दीन ने एकेडमी के फंड का इस्तेमाल करने के लिए दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि वह ऐसे आयोजनों में पैसे खर्च करने के सख्त खिलाफ हैं। अगर केजरीवाल को राजनीतिक इफ्तार पार्टी का आयोजन करना है तो उन्हें पार्टी फंड का इस्तेमाल करना चाहिए,वह पब्लिक के पैसे क्यों बर्बाद कर रहे हैं। भाजपा ने भी पैसों की बर्बादी को लेकर केजरीवाल की आलोचना की।