‘यूपीए सरकार ने नहीं, मैंने अगस्ता को काली सूची में डाला था’
Published: May 05, 2016 12:57:00 am
जेटली ने जोर देकर कहा कि सरकार का इस मामले में कोई राजनैतिक इरादा नहीं
है, हम बस यह जानना चाहते हैं कि मामले में किस किस को घूस दी गई
फे्रंकफर्ट। अगस्तावेस्टलैंड कंपनी को काली सूची में डालने के कांग्रेस के दावे को खारिज करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा जून 2014 में रक्षा मंत्री के नाते उन्होंने 12 हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे पर रोक लगाई थी। साथ ही जुलाई में कंपनी के साथ किसी भी तरह के अनुबंध पर भी बैन लगा दिया था।
जेटली ने कहा कि हेलीकॉप्टर सौदे में किन लोगों को रिश्वत मिली, इसको छोड़कर राजग सरकार का कोई राजनैतिक मकसद नहीं है। आज हम उस स्थिति में हैं कि सरकार के पास इस बात का संदेह करने की वजह है कि कंपनी को सौदा देने
के लिए रिश्वत ली गई। इसी बात को आधार बनाकर हम मामले की जांच कर रहे हैं। संदेह करने का एकमात्र कारण यह है कि मामले में रिश्वत ली गई।
कोई राजनैतिक इरादा नहीं
जेटली ने जोर देकर कहा कि सरकार का इस मामले में कोई राजनैतिक इरादा नहीं है। हम बस यह जानना चाहते हैं कि मामले में किस किस को घूस दी गई। राजनैतिक विवाद के पीछे हम मामले में घूस लेने वालों के नामों पर पर्दा तो नहीं डाल सकते। उन्होंने आगे कहा कि इटली में इस सौदे के लिए जिन लोगों ने रिश्वत दी, उनकी पहचान कर उन्हें दोषी करारा दे दिया गया है। हम अब यह पता लगाने में लगे हैं कि भारत में किस किस को रिश्वत दी गई। इसलिए, जांच का यह गंभीर आधार है।
यूपीए ने अगस्ता को कभी काली सूची में नहीं डाला
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि उसने (कांग्रेस) एक मनगढंत बहस का ‘आविष्कार’ किया जिसमें उसका कहना है कि यूपीए ने अगस्ता को काली सूची में डाला था और एनडीए सरकार ने उसे काली सूची से हटा दिया था। यूपीए सरकार ने अगस्ता को कभी काली सूची में डाला ही नहीं था। 9 जून, 2014 को मैंने ही पूरे सौदे पर रोक लगाई थी। इसके बाद महान्यायवादी (एटर्नी जनरल) से राय लेने के बाद 3 जुलाई को आधिकारिक आदेश जारी किया गया कि कंपनी के साथ कोई नया समझौता नहीं किया जाएगा हेलीकॉप्टर सौदे की जांच पूरी नहीं हो जाती है। उल्लेखनीय है कि जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मई 2014 से लेकर नंवबर 2014 के शुरुआत तक था।