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केंद्रीय मंत्रियों से मिले नीतीश, मांगा बिहार का हक

Published: Feb 05, 2016 05:19:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर बिहार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की

Nitish kumar

Nitish kumar

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर बिहार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सीएम ने शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मुलाकात में बिहार से एक भी स्मार्ट सिटी को शामिल नहीं करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हर राज्य की राजधानी को इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने पटना को स्मार्ट सिटी में जल्द शािमल करने की मांग की। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात में राज्य बंटवारे के समय से ही बिहार-झारखंड सरकार के बीच पेंशन के मुद्दे पर अंतिम फैसला हो जाने के बाद भी झारखंड सरकार द्वारा राशि नहीं दिये जाने का मामला भी उठाया।

सीएम ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान पांच साल के लिए दिये जाने वाले 12 हजार करोड रुपये की बाकी राशि जारी करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए यदि निर्धारित किये गये मापदंड के अनुसार चयन किया जाता रहा, तो जो शहर पहले से अच्छे हैं वह और अच्छे होते जायेंगे और जो शहर सुविधा के मामले में निम्न हैं वह और निम्नतर ही रह जायेंगे। इससे क्षेत्रीय असंतुलन और विषमता भी बढ़ेगी।

इस निर्णय के खिलाफ झारखंड सरकार कोर्ट भी गयी, लेकिन वहां भी गृह मंत्रालय के निर्णय को बरकरार रखा गया। इसीलिए उन्होंने गृह मंत्री को बताया कि वे इस मामले को खुद देखें, क्योंकि भारत सरकार का गृह मंत्रालय पूर्व में जो निर्णय लिया है, उसपर अमल करना चाहिए। क्योंकि हर साल हमलोग अपने बजट में यह प्रावधान रखते हैं कि झारखंड से पेंशन के मद में दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि प्राप्त होगी और वह राशि मिलती नहीं है, जिसके कारण बाद में प्लान साइज को कम करना पड़ता है।

100 करोड़ से शहर का विकास संभव नहीं

शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मुलाकात के दौरान सीएम ने बिहार से एक भी स्मार्ट सिटी के चयन न होने का मुद्दा उठाया। क्योंकि मंत्रालय ने इससे पूर्व 100 शहरों का चयन किया था जिसमें तीन बिहार के शहर भी इस योजना में शामिल थे। मुख्यमंत्री ने नायडू को अपने सुझाव भी दिये जिसमें उन्होंने कहा कि जिन 100 शहरों का पूर्व में चयन हुआ है, उन सभी शहरों में स्मार्ट सिटी के लिए काम शुरू किया जाना चाहिए। दूसरा हर राज्य की राजधानी को इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए तथा तीसरा, स्मार्ट सिटी के लिए मात्र 100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष देने का प्रावधान किया गया है, जो पर्याप्त नहीं है। इससे किसी भी शहर का विकास संभव नहीं है।

राशि जारी करने की मांग

बिहार के विभाजन के बाद जो विशेष सहायता बिहार को दी जाती रही है, उसे जारी रखने की मांग सीएम ने वित्त मंत्री से की। उन्होंने 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान पांच साल के लिए दिये जाने वाले 12 हजार करोड रुपये की बाकी राशि को रिलीज करने की मांग की। क्योंकि 12 हजार करोड़ से मात्र एक तिहाई राशि ही बिहार को अब तक मिली है। क्योंकि यह राशि चिह्ति परियोजनाओं पर खर्च हो रहा है. सीएम ने कहा कि इस राशि से ज्यादातर काम बिजली और सड़क के क्षेत्रों में हो रहा है।

बिजली के क्षेत्र में जितना काम हो रहा है, और जितना पैसा केंद्र ने रिलीज किया है उससे ज्यादा खर्च किया जा चुका है। अब उन योजनाओं की गति पर प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने जो विशेष पैकेज का एलान किया है, उसमें साफ तौर पर कहा है कि जो भी राशि बिहार को पहले से दी जा रही है वह जारी रहेगी। बीआरजीएफ के माध्यम से बिहार को जो राशि दी जा रही है वह दी जायेगी।

उनके विशेष पैकेज के एलान के समय बीआरजीएफ फंड में बिहार का 8200 करोड़ रुपये के लगभग बचा हुआ था। चूंकि 12 वीं पंचवर्षीय योजना अगले साल समाप्त हो रही है इसलिए पांच सालों के लिए निर्धारित बीआरजीएफ की राशि केंद्र सरकार रिलीज कर दें, जिससे जारी परियोजनाओं की गति धीमी न हो।

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