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बिहार: चट मंगनी पट ब्याह की तरह हुआ शपथ ग्रहण, शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट

Published: Jul 27, 2017 09:11:00 pm

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Iftekhar

शुक्रवार को बहुमत बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। जनादेश महागठबंधन को मिला था, जिसे धता बताते हुए नीतीश ने भाजपा से गठबंधन कर नई सरकार बना ली है और महागठबंधन एक झटके में टूट गया है। 

nitish kumar take oath

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पटना: जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार की महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के अगले दिन गुरुवार को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शुक्रवार को बहुमत बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। जनादेश महागठबंधन को मिला था, जिसे धता बताते हुए नीतीश ने भाजपा से गठबंधन कर नई सरकार बना ली है और महागठबंधन एक झटके में टूट गया है। 

नीतीश के कदम से लालू समर्थकों में आक्रोश
नीतीश के इस कदम से लालू प्रसाद के समर्थकों में जबर्दस्त आक्रोश है। पटना सहित कई जिलों में प्रदर्शन किया गया और सड़क जाम किया गया। पहलेजा में जिलाधिकारी पर पथराव किया गया। कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं। जगह-जगह नीतीश का पुतला फूंका गया। 

छठी बार मुख्यमंत्री बने नीतीश
नीतीश छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। उनकी नई मंत्रिपरिषद शुक्रवार को विश्वासमत प्राप्त करेगी। महागठबंधन के अचानक टूटने के बाद राजद और जद (यू) में बगावत के सुर उभरने लगे हैं। राजद के कार्यकर्ता नीतीश पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरे और नीतीश का पुतला फूंका। लालू प्रसाद के समर्थकों ने आक्रोश प्रकट करने के लिए उत्तर बिहार को जोड़ने वाले सबसे बड़े पुल ‘महात्मा गांधी सेतु’ को पांच घंटे तक जाम रखा, जिससे बसों और अन्य वाहनों में बैठे हजारों लोग गर्मी व उमस में हलकान हुए। लोग सकते में हैं और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

चट मंगनी पट ब्याह की तरह हुआ शपथ ग्रहण
बिहार के राजभवन स्थित राजेंद्र मंडप में आयोजित एक सादे समारोह में 10 बजे प्रभारी राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री और सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुशील मोदी चार साल पहले तक नीतीश मंत्रिमंडल में बतौर उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। महागठबंधन सरकार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर मीडिया के सामने आरोप लगाते रहने के दैनिक कार्यक्रम का इनाम आखिरकार उन्हें मिल गया।

नीतीश ने सौंपा है 131 विधायकों के समर्थन का पत्र
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई नेता शामिल हुए। शपथ लेने के बाद सुशील मोदी ने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। राजभवन को नीतीश ने 131 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है। राजभवन ने नीतीश को दो दिनों के भीतर विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। 

44 घंटे में बदल गई सारी कहानीनीतीश कुमार ने बुधवार की शाम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके साथ ही 20 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार अचानक गिर गई। इस्तीफे का कारण राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी के साथ नीतीश की तनातनी को माना जा रहा है। जद(यू) का कहना है कि तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन नीतीश के कहने के बावजूद उन्होंने इन आरोपों का तथ्यात्मक जवाब नहीं दिया। वहीं लालू का कहना है कि आरोप निराधार है, तेजस्वी सीबीआई को जवाब देंगे, नीतीश सीबीआई के निदेशक नहीं हैं। जबकि नीतीश का कहना है कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया। उधर, दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई, वहां से आए फरमान के मुताबिक भाजपा की बिहार इकाई ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली सरकार को समर्थन देने की घोषणा की।
 
नीतीश ने किया बिहार के विकास का वादा
भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश ने बिहार के विकास का वादा किया। उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि हमने यह निर्णय बिहार के विकास और यहां के लोगों के हित में लिया गया है। मेरा न्याय के साथ विकास का कार्यक्रम चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका ‘कमिटमेंट’ बिहार और बिहार के लोगों के प्रति है। जद (यू) अध्यक्ष ने कहा कि मैं बिहार के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अब तक जिस तरह लोगों की सेवा करता आ रहा हूं, उसी तरह आगे भी खिदमत करता रहूंगा। 

जदयू में उठे विद्रोह के स्वर
इधर, महागठबंधन टूटने के बाद राजद और जद (यू) में बगावती सुर उठने लगे हैं। जद (यू) के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने गुरुवार को नीतीश कुमार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नीतीश कहते हैं कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरा जमीर इस फैसले को नहीं मानता। मैं इस फैसले से खुश नहीं हूं। मैं अभी पार्टी नहीं छोड़ूंगा, मुझे मौका मिला तो मैं अपनी बात पार्टी फोरम पर जरूर रखूंगा। शरद यादव से मिलूंगा।

राजद विधायक ने लालू पर लगाय पुत्र मोह का आरोपर
इधर, राजद के गायघाट के विधायक महेश्वर यादव ने गठबंधन टूटने के लिए पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव को जिम्मेदार बताया है। गायघाट से राजद विधायक महेश्वर यादव ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा कि महागठबंधन लालू प्रसाद के पुत्र मोह और उनकी और तेजस्वी की जिद के कारण टूटा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा तेजस्वी यादव पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अगर इस्तीफा दे दिया जाता तो गठबंधन नहीं टूटता। 

राजद का विश्वासघात दिवस मनाने का ऐलान
इस बीच, बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद राजद के कार्यकर्ता गुरुवार को सड़क पर उतरे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए राजद ने ‘विश्वासघात दिवस’ मनाने की घोषणा की और सैकड़ों राजद समर्थकों ने पटना में ऐतिहासिक महात्मा गांधी सेतु पर धरना दिया, जिससे करीब पांच घंटे तक इस पुल पर आवागमन ठप रहा। 

यह लोकतंत्र की हत्या-मनोज झा
राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि सबसे ज्यादा 80 विधायक राजद के पास हैं, इसके बावजूद प्रभारी राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने राजद को सरकार बनाने का न्योता नहीं देकर आनन-फानन में जदयू-भाजपा की सरकर बनवा दी। यह लोकतंत्र की हत्या है। ये पूरा घटनाक्रम सुनियोजित ढंग से हुआ है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नीतीश को खरी-खरी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने भी कहा कि नीतीश ने बिहार की जनता के साथ विश्वासघात किया है। जनता ने भाजपा के खिलाफ ऐतिहासिक जनादेश दिया था। यह बिहार की जनता का अपमान है। उन्होंने कहा कि नीतीश को अगर यही करना था, तो चार साल पहले भाजपा से नाता तोड़कर धर्मनिरपेक्षता का चोला पहनकर उन्होंने जनता को ठगा क्यों? नीतीश आज छवि की बात करते हैं, लालू चारा घोटाले में फंसे हैं, यह पूरी दुनिया जानती है, लेकिन महागठबंधन करते समय क्या उन्हें यह याद था?

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