बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नजदीकियां बढ़ रही हों लेकिन गठबंधन में वापसी के सवाल पर उन्होंने एक बार फिर दो टूक जवाब दिया है।
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नजदीकियां बढ़ रही हों लेकिन गठबंधन में वापसी के सवाल पर उन्होंने एक बार फिर दो टूक जवाब दिया है। नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि बीजेपी के साथ गठबंधन में वापसी का सवाल ही पैदा नहीं होता। हिंदुस्तान टाइम्स के लीडरशिप समिट में जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि नोटबंदी पर मोदी का समर्थन कहीं उनके घर वाससी के लिए खेला गया ‘कार्ड’ तो नहीं है? नीतीश कुमार ने कहा,’मैं विमुद्रीकरण का समर्थन इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि मुझे विश्वास है कि यह एक अच्छा कदम है। मेरे इस समर्थन का राजनीतिक मतलब ना निकाला जाए’
मेरे समर्थन का राजनीतिकरण ना किया जाए
– नीतीश ने कहा, ‘मेरे नोटबंदी के समर्थन का राजनीतिकरण ना किया जाए।’
– मेरे समर्थन को बीजेपी के साथ गठबंधन में वापस जाने के संकेत के तौर पर भी ना लिया जाए।
– नीतीश ने कहा, ‘अकेले नोटबंदी से ही काला धन नहीं मिटेगा। इसके लिए दो नंबर का काम भी बंद करना होगा।
– केंद्र सरकार को अब बेनामी संपत्ति रखने वालों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए।
नीतीश ने कहा, ‘पीएम मोदी के नोटबंदी के कदम का समर्थन करता हूं क्योंकि मैं अच्छे कदम पर विश्वास रखता हूं।’
शहाबुद्दीन के मामले पर बोले कानून से कोई समझौता नहीं
– नीतीश कुमार ने कहा, ‘हमने हालात के हिसाब से महागठबंधन बनाया था।’
– कुछ लोगों को कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
– हम बिहार में सबको पानी, बिजली, सड़क और रोजगार मुहैया करा रहे हैं।
– हमने राज्यू में शराबबंदी लागू कर दी। चुनावी वायदे को पूरा किया है।
-शहाबुद्दीन मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि कानून के शासन के मामले में कोई समझौता नहीं होगा।