काम नहीं करने वाले मंत्रियों की मोदी कैबिनेट से होगी छुट्टी!
Published: Mar 30, 2015 01:44:00 pm
कैबिनेट विस्तार के वक्त प्रधानमंत्री मोदी उन मंत्रियों को सख्त संदेश देना
चाहते हैं जो ठीक से काम नहीं कर रहे हैं
नई दिल्ली। अगले महीने की 20 तारीख को शुरू हो रहे संसद सत्र से पहले नरेंद्र मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। सहयोगी दलों-शिव सेना और पीडीपी के सांसदों को भी मौका मिल सकता है।
सूत्रों ने बताया कि जो मंत्री सही काम नहीं कर रहे हैं, उनकी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। संसद सत्र सरकार के लिए अहम है क्योंकि इसमें भूमि अधिग्रहण विधेयक राज्य सभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर सरकार को बजट सत्र में विपक्ष का काफी विरोध झेलना पड़ा था।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरू में 3 अप्रेल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है और इसी में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा होगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हाल ही में फिर से गठन किया गया था और केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी, नजमा हेपतुल्ला, मथुरा से सांसद हेमा मालिनी सहित कई प्रमुख चेहरों को इसमें जगह नहीं दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर में पीडपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई है और सूत्रों का कहना है कि पीडीपी के एक सदस्य को कैबिनेट में शामिल कर सरकार संसद में अपने समर्थनक सांसदों की संख्या बढ़ा सकेगी।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की सांसद बेटी महबूबा मुफ्ती को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार के वक्त प्रधानमंत्री मोदी उन मंत्रियों को सख्त संदेश देना चाहते हैं जो ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। वहीं, जो मंत्री अच्छा काम कर रहे हैं, उनकी तरक्की हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा को कंपनी मामलात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिल सकता है। जल्द ही 75 साल की होने वाली अल्पसंख्यक विकास मंत्री नजमा हेपतुल्ला को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है। गौर करने वाली बात है कि मोदी ने साफ कर दिया है कि कैबिनेट में 75 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले लोगो को नहीं रखा जाएगा। इसी के चलते हेपतुल्ला को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। संभावना है कि उन्हें किसी राज्य का गवर्नर बना दिया जाए।
पार्टी सूत्र ने बताया कि नजमा के हटने पर मुख्तार अब्ब्ाास नकवी को अल्पसंख्यक मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा जा सकता है। वर्तमान में नकवी अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्यमंत्री हैं। प्रधानमंत्री के अलावा कैबिनेट में 26 कैबिनेट मंत्री, 13 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 26 अन्य राज्यमंत्री हैं। वहीं शिव सेना के अनिल देसाई को राज्यमंत्री के तौर पर कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।