कन्नूर। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव और पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने मंगलवार को कहा कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के लिए खड़े नहीं होने को देश के कानून के अनुसार देशद्रोह नहीं समझा जा सकता। करात ने ‘समान नागरिक संहिता और वामपंथी पार्टियां’ पर एक सेमिनार का उद्घाट करने के बाद कहा कि देशभक्ति को बढ़ावा देने का यह रास्ता नहीं हो सकता और यह केवल राष्ट्रवाद का उत्पादित रूप है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इसे सिनेमा राष्ट्रवाद के रूप में बताया है। माकपा नीत केरल सरकार को पुलिस शिक्षित किए जाने की जरूरत है। पुलिस ने फेसबुक पर राष्ट्रगान के अपमान के लिए देशद्रोह के आरोप में लेखक और थियेटर से जुड़े कमल सी चावरा को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने माकपा के जिला नेताओं के सामने पुलिस पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधा।
करात ने कहा कि सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है और केरल को इसे गंभीरता से सोचना होगा और वे धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करे। उन्होंने केरल की एलडीएफ सरकार से पुलिस द्वारा लेखक के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को वापस लेने की मांग की।
अनुपम खेर ने राहुल गांधी को राष्ट्रगान गाकर सुनाने की चुनौती दी
वडोदरा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रगान गाकर सुनाने की चुनौती देते हुए जाने माने अभिनेता अनुपम खेर ने सोमवार को कहा कि उन्हें उनकी भारतीयता पर तो संदेह नहीं है पर उनकी यादाश्त पर भरोसा नहीं।
उन्होंने विमुद्रीकरण के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक और देश के लिए लाभदायक निर्णय बताते हुए कहा कि इसका विरोध केवल ऐसे लोग ही कर रहे हैं जो खुद किसी न किसी घोटाले से जुड़े हैं। उन्होने लोगों से प्रधानमंत्री की निर्णयशक्ति पर भरोसा करने का सुझाव देते हुए कहा कि यह फैसला देश के भविष्य को उज्जवल बनाने वाला है।
खेर ने यह भी कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370, जो इसके विकास में बाधा है, को एक दिन समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने यहां वडोदरा चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित वीसीसीआई ग्लोबल ट्रेड शो 2016 के दौरान अपने संबोधन में कहा कि राहुल की यादाश्त बहुत कमजोर मालूम होती है। इसलिए उन्हें राष्ट्रगान जन गण मन को जनता के बीच गाकर सुनाना चाहिए।
उन्हें उनकी भारतीयता पर कोई संदेह नहीं पर उनकी यादाश्त पर विश्वास नहीं। कश्मीर मुद्दे की चर्चा करते हुए खेर, जो स्वयं एक कश्मीरी पंडित हैं, ने कहा कि धारा 370 को समाप्त करने और देश के अन्य हिस्सों के लोगों को वहां धंधा व्यवसाय करने और बसने की छूट देने से ही राज्य का असली विकास होगा और विस्थापित कश्मीरी पंडितों के वहां पुनर्वास का रास्ता साफ होगा।
उन्होंने कहा कि अपने ही देश में शरणार्थी की तरह रह रहे विस्थापित कांग्रेसी पंडितों को देख कर अच्छा नहीं लगता। उन्होंने लोगों से आलोचना की डर से खुद को नहीं बदलने का सुझाव देते हुए कहा कि आशावादी नजरिये से अड़चनों को पार कर हासिल की गयी सफलता लंबे समय तक टिकती है।