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ललितगेट पर गोविंदाचार्य के बयान से कुछ लेना-देना नहीं : संघ

Published: Jul 02, 2015 11:57:00 am

संघ ने आगे कहा कि वह सार्वजनिक तौर पर ऎसे विचार
व्यक्त नहीं करता है और न ही किसी को उसने अपना विचारक नियुक्त किया है

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नागपुर। ललितगेट मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले के एन गोविंदाचार्य के बयान से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने पल्ला झाड़ लिया है। संघ का कहना है कि गोविंदाचार्य ने जो कहा, वह उनके निजी बयान हैं, इससे संगठन का कुछ लेना-देना नहीं है।

संघ ने आगे कहा कि वह सार्वजनिक तौर पर ऎसे विचार व्यक्त नहीं करता है और न ही किसी को उसने अपना विचारक नियुक्त किया है। संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए बताया कि गोंविदाचार्य ने ललित मोदी मुद्दे पर जो कुछ कहा, वे उनके निजी बयान हैं और निजी विचार करने का उन्हें पूरा अधिकार है।

उन्होंने कहा कि देश में हजारों स्वयंसेवक संघ हैं और सब को अपने निजी विचार व्यक्त करने का पूरा हक है। लेकिन, ऎसे विचारों को आप संघ के विचार नहीं बता सकते। बाहरी व्यक्ति जो संघ में पदाधिकारी नहीं है, वे संगठन के विचार व्यक्त नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, आरएसएस ने किसी को भी अपना विचारक नियुक्त नहीं किया है और अपने विचार रखने के लिए संघ ने अलग से व्यवस्था कर रखी है। उन्होने आगे कहा कि अगर किसी बात को लेकर गलतफहमी होती है तो इसके लिए मीडिया जिम्मेदार है।

दत्तात्रेय ने बताया कि भाजपा को अपने विचारों से व्यक्त करवाने के लिए संघ के पास बेहतर “संचार व्यवस्था” है और ऎसी बातों को व्यक्त करने के लिए वह मीडिया की मदद नहीं लेता है। उन्होंने कहा कि कुछ राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर संघ अन्य राष्ट्रीय दलों से भी चर्चा करता है, लेकिन वह इन्हे आम लोगों के सामने नहीं रखता है। राजनैतिक दलो तक अपने विचार रखने के लिए आरएसएस दूसरा जरिए अपनाता है, लेकिन मीडिया की मदद नहीं ली जाती है।

उल्लेखनीय है कि एक साक्षात्कार में गोंविदाचार्य ने कहा था कि ललितकांड में मोदी सरकार को नैतिकता से पीछे नहीं हटना चाहिए। भाजपा को इस मामले में फंसे मंत्रियों से इस्तीफा ले लेना चाहिए। मंत्रियों को बचाने से सरकार और पार्टी की साख लोगों के बीच कम हो रही है।

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