विपक्षी तेवरों से बिलों पर तलवार!
सरकार विपक्षी खेमें में सेंध लगाकर बिलों को पास कराने की कोशिश में है
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के पहले सत्र में इश्योंरस और कोल माइनिंग जैसे बिल पास कराने में सफल रही केन्द्र सरकार की सत्र के दूसरे चरण में तमाम कोशिशों के बाद भी महत्वपूर्ण बिलों पर तलवार लटकी हुई है। सदन मे सत्र के बचे सात दिन में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष लामबंद है, वहीं सरकार विपक्षी खेमें में सेंध लगाकर बिलों को पास कराने की कोशिश में है। लोकसभा में सदन की कार्यवाही 8 अप्रैल तक और राज्यसभा में 13अप्रैल तक होनी है।
कांग्रेस ने भी कसी कमर
इधर, कांग्रेस भी इसी कोशिश में है कि विपक्ष को एकत्रित कर सरकार को सभी विधेयकों पर व्याप?क चर्चा के लिए स्थायी समिति के पास भेजने के लिए दबाव बनाया जाए। विपक्ष के सहयोग से कांग्रेस की मंशा सरकार को परेशान करने के लिए पहली बार पेश हुए बिल को स्थायी समिति को भेजने की सिफारिश करने, विधेयक यदि राज्यसभा में पारित हो गया है तो उसे प्रवर समिति के पास भेजने और अगर राज्यसभा में पेश किया गया है तो उसे संयुक्त प्रवर समिति के पास भेजने का दबाव बनाने का है।
सहयोगियों पर निर्भर
भूमि अधिग्रहण विधेयक पर संसद और संसद के बाहर बुरी तरह घिरी केन्द्र सरकार अब इस बिल पर अपने सहयोगी दलों पर पूरी तरह निर्भर हो गई है। दोनों सदनों की संयुक्त सत्र बुलाने की स्थिति में सरकार के लिए सहयोगी दलों का एक एक सांसद बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। सरकार संयुक्त सत्र के लिए तैयार भी है। संयुक्त बैठक के लिए विधेयक का एक सदन से पारित होना व दूसरे में गिरना जरूरी होता है। विपक्ष इसे बचाएगा।
Home / Political / विपक्षी तेवरों से बिलों पर तलवार!