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पाक का यू-टर्न, कहा वह नहीं चाहता एनएसए कश्मीर पर करे चर्चा

Published: Sep 03, 2015 11:47:00 am

पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि हम नहीं
चाहते थे की दोनों देशों के एनएसए जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करें

Abdul Basit

Abdul Basit

नई दिल्ली/इस्लामाबाद। कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने की रट लगाने के कारण हफ्तेभर पहले पाकिस्तान के कारण रद्द हुई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) वार्ता के बाद अब पड़ोसी देश ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि एनएसए स्तर पर इस विषय पर चर्चा ही नहीं होनी चाहिए थी। उसका कहना है कि इस्लामाबाद चाहता है कि दोनों देशों के विदेश सचिव कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर चर्चा करें।

भारत के एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि हम नहीं चाहते थे की दोनों देशों के एनएसए जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करें। हालांकि, हमने प्रस्ताव दिया था कि दोनों देशों के विदेश सचिव अलग से मिलकर कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करें। लेकिन, भारत ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान का यह यू-टर्न उसके पहले के कदम से एक दम उलट है। एनएसए की वार्ता से पहले पड़ोसी देश के एनएसए और वहां के पीएम के विदेश सलाहकार सरताज अजीज ने बैठक से पहले कहा था कि पाकिस्तान चाहता है कि भारत कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर चर्चा करें। वहीं, भारत का कहना था कि रूस के ऊफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्री की मुलाकात के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए समझौता हुआ था, पाकिस्तान उससे पलट रहा है।

ऊफा में मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष नवाज शरीफ की बीच तय हुआ था कि एनएसए स्तर की वार्ता में दोनों देश आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। बासित ने डॉन दाऊद इब्राहिम के उन टेलीफोन बिल्स को “फर्जी” करार दिया जिनसे यह साबित हो रहा था कि वह पाकिस्तान में है। अगर वह पाकिस्तान में होता तो उसे डिपोर्ट कर दिया जाता।

पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने कहा कि जमात उद दावा आतंकी नहीं, बल्कि एक “धर्मार्थ ट्रस्ट” है। उसके काम को पाकिस्तान में सब जानते हैं। जब उनसे पूछा गया कि बॉलीवुड फिल्म “फैंटम” पर प्रतिबंध लगाने के लिए जमात उद दावा के संस्थापक हाफिज सईद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, इस पर बासित ने कहा कि पाकिस्तान में न्यायपालिका “स्वतंत्र” है और कोई भी उससे गुहार लगा सकता है।
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