पंजाब छोडऩे को कहा गया तो दिया राज्यसभा से इस्तीफा: सिद्धू
Published: Jul 25, 2016 02:20:00 pm
आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने संबंधी सवाल पर सिद्धू ने कहा, जहां पंजाब का हित होगा वहां जाऊंगा
नई दिल्ली। मशहूर क्रिकेटर और कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की वजह बताई लेकिन आगे की रणनीति को लेकर खुलासा नहीं किया। सिद्धू ने यह भी नहीं बताया कि उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है या नहीं। आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने संबंधी सवाल पर सिद्धू ने कहा,
जहां पंजाब का हित होगा वहां जाऊंगा। गौरतलब है कि 18 जुलाई को सिद्धू ने राज्यसभा और उनकी पत्नी ने पंजाब विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।
सिद्धू ने कहा, मैंने राज्यसभा की सदस्यता से इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि मुझे कहा गया कि पंजाब की तरफ मुंह नहीं करोगो और पंजाब से दूर रहोगे। अरे कसूर तो बताओ। धर्मों में सबसे बड़ा धर्म राष्ट्र धर्म होता है तो मैं कैसे अपना वतन अपनी जड़ छोड़ दूं। चार चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा देकर कहा जाता है कि पंजाब से दूर रहो। पंछी भी शाम को अपने घोंसले में लौटता है। राष्ट्रभक्त पक्षी भी अपना पेड़ नहीं छोड़ते। कोई भी पार्टी पंजाब से ऊपर नहीं है। अपने निजी स्वार्थों के लिए उन लोगों को नहीं छोड़ सकता जिन्होंने मुझे वोट दिया। चाहे कोई नफा नुकसान हो मुझे परवाह नहीं। सिद्धू ने कहा, ऐसा तीसरी-चौथी बार हो रहा है जब मेरे साथ नाइंसाफी हुई।
मैं पाकिस्तान में कमेंट्री कर रहा था। मुझे कहा गया तुम चुनाव लड़ो। 14 दिन में चुनाव लड़ा। सामने 6 बार से कांग्रेस का सांसद था। 14 दिन में अमृतसर के लोगों ने सवा लाख मतों से जिताया। अमृतसर को वचन दिया तब तक आपका सांसद रहूंगा पटियाला नहीं जाऊंगा। नैतिक आधार पर मैंने दूसरी बार चुनाव लड़ा और जीता। सद्धू ने कहा – जब मोदी लहर आई तब विरोधियों के साथ साथ मुझे ही डुबो दिया गया। मुझसे कहा गया कि अमृतसर की सीट छोड़ दो, मैंने छोड़ दी। फिर मुझे कहा गया कि कुरुक्षेत्र से लड़ों, दिल्ली से लड़ो, लेकिन मैंने तब भी पंजाब को नहीं छोड़ा। सिद्धू को पद की लालसा नहीं है। सिद्धू ने कहा कि जहां पंजाब के हित की बात होगी आप सिद्धू को वहीं खड़ा पाएंगे।
सिद्धू ने सुनाए शेेर
अपने चिरपरिचित अंदाज में सिद्धू ने शेरो-शायरी करते हुए अपने दिल की बात कह दी। सिद्धू ने कहा – आग लगी इस वृक्ष में जरन लगे सब पात, तुम पंछी क्यों जरत हो, जब पंख तुम्हारे पास.. तो पक्षियों ने कहा… फल खाए इस वृक्ष के गंदे कीन्हें पात…अब फर्ज हमारा यही है कि जलें इसी के साथ
सिद्धू ने यह शेर भी कहा – शमा महफिल-ए-पंजाब में जलती रहेगी, सिद्धू जैसे परवाने आते-जाते रहेंगे