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कश्मीर मुद्दे पर शायरी कर रहे हैं प्रधानमंत्री : आजाद

Published: Aug 29, 2016 11:56:00 pm

उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, शायद वह (मोदी) जानते हैं कि कश्मीर के लोगों को कविता पसंद है

Ghulam Nabi Azad

Ghulam Nabi Azad

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए ‘एकता’ और ‘ममता’ शब्द पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ कविता बना रहे हैं। आजाद ने कहा, इसके पहले वह इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात कर रहे थें। अब वह एकता और ममता के साथ आए हैं। यह कविता है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, शायद वह (मोदी) जानते हैं कि कश्मीर के लोगों को कविता पसंद है।

मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में कहा था कि विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ कश्मीर मुद्दे पर होने वाली बातचीत में दो शब्द जो बार-बार सामने आए वे थे एकता और ममता। आजाद ने कहा कि कश्मीर मुद्दा कविता और आकर्षक शब्दों से हल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा, कश्मीरियों को कविता पसंद है और वे इसे अच्छी तरह जानते हैं। कोई भी उन्हें काव्यात्मक अभिव्यक्ति का उपयोग कर बेवकूफ नहीं बना सकता।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का फैसला 40 दिन देर से
आजाद ने कहा कि कश्मीर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का सरकार का फैसला 40 दिन देर से आया है। उन्होंने कहा कि यदि निर्णय पहले ले लिया गया होता तो स्थिति इस दशा में नहीं पहुंचती। आजाद ने कहा, हम लोगों ने यह मांग 18 जुलाई को की थी। मांग को किए अब 40 दिन हो गए हैं। यदि सरकार ने पहले निर्णय ले लिया होता तो शायद चीजें इस दशा में नहीं पहुंचतीं।

लेकिन, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा, यह अच्छा है कि सरकार ने अंतत: हमारी मांग को स्वीकार किया। यह निश्चित रूप से स्थिति को शांत करने में मदद करेगा।

आजाद ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यह दर्शाएगा कि भारत के सभी लोग अपने प्रतिनिधियों के जरिए कश्मीर के लोगों से मिल रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या यह प्रतिनिधिमंडल घाटी में हुर्रियत के नेताओं से भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों और केंद्र व राज्य सरकार पर निर्भर है कि वे तय करें कि प्रतिनिधिमंडल को किनसे मिलना चाहिए।

राज्य में जारी अशांति को खत्म करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चार सितंबर को श्रीनगर जाएगा। घाटी में सुरक्षा बलों के साथ नौ जुलाई से शुरू हुई झड़पों में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।
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