scriptजम्मू-कश्मीर में लग सकता है राज्यपाल शासन | PM Modi is not happy with Mehbooba Mufti, May impose president rule in Jammu & Kashmir | Patrika News

जम्मू-कश्मीर में लग सकता है राज्यपाल शासन

Published: Aug 25, 2016 01:26:00 pm

जम्मू कश्मीर में हालात सुधारने के लिए केन्द्र सरकार कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है

Mehbooba Mufti Sayeed

Mehbooba Mufti Sayeed

नई दिल्लेी/श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में हालात सुधारने के लिए केन्द्र सरकार कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो केन्द्र सरकार घाटी में शांति बहाली के लिए राज्यपाल शासन लगाने का फैसला ले सकती है।

राजनाथ सिंह के दौरे के बाद हो सकता है फैसला
केन्द्र ने जम्मू कश्मीर के हालात सुधारने के लिए जिम्मेदारी राज्य की पीडीपी-बीजेपी सरकार को सौंपी है। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर जम्मू कश्मीर में हैं और उनकी वापसी के बाद केन्द्र सरकार इस बारे में फैसला करेगी। इस माह के अंत तक जम्मू कश्मीर में चल रही अशांति को 50 दिन से ऊपर हो जाएंगे। कानून व्यवस्था राज्य का मसला है और राज्य सरकार ने अपनी ओर से कई कदम उठाए हैं। केन्द्र सरकार लगातार इन कदमों पर नजर रख रही है।


केन्द्र सरकार ने तैयार की है 80 लोगों की सूची
गृह मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा इस मायने में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के दौरान राज्य सरकार की ओर से अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की जा सकती है। गृह मंत्री की वापसी के बाद केन्द्र सरकार आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लेगी। माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार ने अपनी ओर से ऐसे 80 लोगों की सूची तैयार की है जो राज्य में अशांति फैलाने और बच्चों व युवाओं को भड़काने में लगे हुए हैं। अब यह अपेक्षा है कि राज्य सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। ऐसा होने पर हालात काबू में आने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।



राज्यपाल बदलने के विकल्प पर भी विचार
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केन्द्र के सामने कई विकल्प हैं। इनमें एक विकल्प वहां राज्यपाल शासन लगाना भी हो सकता है। इसके अलावा राज्यपाल को बदलना भी एक विकल्प है,जिस पर विचार किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों का आकलन है कि दक्षिण कश्मीर में जिन राजनीतिक दलों का जनाधार है,उनके वहां हस्तक्षेप करने से हालात काबू में आ सकते हैं। ऐसे में इन दलों से अपेक्षा की जा रही है कि वे अपनी ओर से पहल करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्य के विपक्षी दलों की मुलाकात को इस दिशा में काफी सकारात्मक पहल माना जा रहा है। गृह मंत्री का दौरा इसी मुलाकात के बाद हुआ है।

मोदी सरकार की कश्मीर नीति को लेकर उठ रहे सवाल
केन्द्र सरकार की दुविधा ये है कि जम्मू कश्मीर में भाजपा की पीडीपी के साथ गठबंधन की सरकार है। इस कारण हालात बिगडऩे के बाद भी अभी तक केन्द्र सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए हैं लेकिन अब सवाल राज्य सरकार की कानूून व्यवस्था पर नहीं बल्कि मोदी सरकार की कश्मीर की नीति को लेकर उठ रहे हैं। जम्मू कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में मौत के बाद हिंसा भड़की थी।

घाटी में हिंसा को लेकर पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक भी हुई थी। इसमें शांति बहाली को लेकर कश्मीर के लोगों के साथ साथ सभी दलों से बातचीत की पहल की गई थी। कहा जा रहा है कि जम्मू कश्मीर के हालात संभालने के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के तौर तरीकों से केन्द्र सरकार संतुष्ट नहीं है। राजनाथ सिंह अपने कश्मीर दौरे में राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने के निर्देश देंगे ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। सबसे खराब हालात दक्षिण कश्मीर में है,जहां पीडीपी का दबदबा माना जाता है।



भाजपा नेताओं का मानना है कि पीडीपी वोट बैंक की राजनीति के तहत सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है। राजनाथ सिंह का दौरा राज्य सरकार पर प्रभावी कार्रवाई के लिए दबाव बनाना व राजनीतिक संवाद की पहल करना है। पत्थरबाजी मेें पहचाने गए करीब 80 लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने को लेकर भी केन्द्र सरकार महबूबा मुफ्ती से नाराज है।
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