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“संविधान में बदलाव करने की सोचना भी आत्महत्या करने जैसा”

Published: Nov 28, 2015 08:30:00 am

संविधान के संबंध में ऑनलाइन चर्चा होनी चाहिए, स्कूलों में चर्चा होनी चाहिए… संविधान पर लगातार चर्चा चलनी चाहिए

narendra modi

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नई दिल्ली। संविधान दिवस पर लोकसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संविधान को धर्मग्रंथ का दर्जा देते हुए कहा कि इसकी पालना करना हम सब का कर्तव्य है। हमें ईमानदारी के साथ गरीब और पिछड़े लोगों के विकास के लिए संविधान में कही गई बातों को लागू करना चाहिए।मोदी ने संविधान पर चर्चा करते हुए डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद करते हुए कहा, ‘बाबा साहब आंबेडकर ने यातनाएं सहीं, शोषण सहा था। उन्होंने बहुत कुछ झेला लेकिन संविधान बनाते समय देश के लिए सबसे अच्छी बातें शामिल कीं। उन्होंने जहर पी लिया। पीएम ने कहा कि कोई भी संविधान नहीं बदल सकता है। इसे लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। बता दें कि दो दिन से सदन में संविधान पर चर्चा हो रही है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ था। उसी की याद में संविधान दिवस मनाया गया।

बताई संविधान की ताकत


-देश का एक ही धर्म संविधान है। आइडिया ऑफ इंडिया-पौधे में भी परात्मा होता है, वसुधैव कुटुंबकम, नारी तुम नारायणी, नर करनी करे तो नारायण हो जाए।

-भारत में सिर्फ संविधान ही सर्वोच्च है। यही विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को उनकी शक्तियां देता है। इस बात को बार-बार उजागर किया जाना चाहिए।

-सरल भाषा में कहूं तो हमारे संविधान का मूल भाव डिग्निटी फॉर इंडियन और यूनिटी फॉर इंडियन है। कई लोगों का नाम इतना बड़ा है कि कोई उनका नाम ले या नहीं, उनका नाम मिट नहीं सकता।

-संविधान में भी सभी की भूमिका रही है। इस संविधान की जितनी सराहना करें, कम है।

-बाबा साहब आंबेडकर ने यातनाएं सहीं, शोषण सहा। उनका दर्द संविधान में शब्द के रूप में उभरा। उन्होंने बहुत कुछ झेला लेकिन संविधान बनाते समय देश के लिए सबसे अच्छी बातें शामिल कीं। उन्होंने जहर पी लिया।

-संविधान के 60 साल पूरे होने पर हाथी पर उसकी सवारी गुजरात में निकलवाई थी। मैं खुद उसके आगे-आगे चला था।

-एक भ्रम फैलाया जा रहा है। मैं मानता हूं कि कोई संविधान नहीं बदल सकता है। अगर कोई ऐसा करता है तो वह आत्महत्या होगी।

– बाबा साहब की पीड़ा संविधान को बनाया सामाजिक दस्तावेज।

– मनुष्य के द्वारा कोई चीज अमर नहीं हो सकती, लेकिन संविधान अमर हो सकता है।

– भारत के संविधान के संबंध में ऑनलाइन चर्चा होनी चाहिए, स्कूलों में चर्चा होनी चाहिए… देश में संविधान पर लगातार चर्चा चलनी चाहिए।

– रूसंविधान दिवस पर मोदी ने कहा कि भविष्य में इसे लोकसभा तक सीमित रखना नहीं है। इसे आम आदमी की चर्चा का विषय बनाना होगा।


गांधी समेत जन नेताओं को किया याद
-मोदी ने गांधी जी के एक बयान को याद करते हुए उन्हें कोट किया, ‘पूंजीपति, जमींदार और किसान अपने हित की बात करते हैं। अगर सभी अपने अधिकारों की बातें करें और कर्तव्यों से मुंह मोड़ लें तो अराजकता का माहौल बन जाएगा। अगर सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें तो कानून का राज कायम हो जाएगा। राजाओं को राज करने का कोई दैवीय अधिकार नहीं है। किसानों और मजदूरों को अपने आकाओं का हुक्म मानने की जरूरत नहीं है।

-गांधी जी अपनी बात से पीछे नहीं हटते थे।

-राम मनोहर लोहिया ने देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के सामने कुछ आंकड़े पेश कर कहा था कि आपकी नीतियां देश के काम आने वाली नहीं हैं। इस पर नेहरू ने कहा था कि मैं आपके आंकड़ों को झुठला नहीं सकता।

-नरसिंह मेहता, महात्मा गांधी, ज्योतिबा फुले और आंबेडकर जैसे लोगों ने समाज को बेहतर बनाने का काम किया। जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई।

-हमारा समाज हजारों साल पुराना है। हमारे यहां भी बुराइयां आई हैं। लेकिन उसी समाज से निकले महापुरुषों ने बड़े काम किए। पीएम ने ईश्वर चंद विद्यासागर, राजा राममोहन रॉय को याद किया।

आरक्षण से मजबूत होगा देश

-बोनस एक्ट की सीमा 3500 से बढ़ाकर 7 हजार किया जाएगा। अर्हता की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार किया जाएगा।

-पहले कोई नियम नहीं था कि कोई कितने घंटे काम करेगा। बाबा साहब ने तय किया कि 8 घंटे काम होगा।

-समाज का पिछड़ा तबका आरक्षण के सहारे आगे बढ़ेगा तो देश मजबूत होगा।

सरकार का काम सिर्फ संस्थाएं बनाना ही नहीं
-सरकार का काम सिर्फ संस्थाएं बनाना ही नहीं, उनकी सीमाएं भी तय करना है।

-राजनेता ही खुद पर बंदिशें लगाते हैं। चुनाव में खर्च की सीमा जैसी तमाम चीजों के लिए नेता आगे आए।

-राजनेताओं को यह सोचना होगा कि लोग हमारे में बारे में राय बदलें।

-प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार एक वोट से गिर गई थी। यह इस बात का उदाहरण है कि संविधान की ताकत क्या होती है और जब वह सही हाथों में होता है तो क्या होता है।

-लोकतंत्र में असली ताकत तब आती है जब सहमति बनती है। लेकिन जब सब फेल हो जाए तो अल्पमत और बहुमत की बात आती है।



देश राजाओं ने नहीं गरीबों ने बनाया
-लाल किले पर से बोल चुका हूं कि इस देश में सभी सरकारों ने काम किया है। किसी ने उम्मीद से थोड़ा कम किया होगा। इस देश को राजाओं ने नहीं बनाया है। इसे गरीबों, शिक्षकों, मजदूरों और किसानों ने बनाया है।

-यह बात सही है कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस मनाते हैं। लेकिन 26 नवंबर भी ऐतिहासिक दिन है। इस बात को भी उजागर करना अहम है। 26 जनवरी की ताकत 26 नवंबर में निहित है।

-मैं भी अन्य सदस्यों की तरह एक सदस्य के तौर पर अपने भाव पुष्प अर्पित करने के लिए खड़ा हुआ हूं।

-सदन में इस कार्यक्रम को लेकर जो रुचि दिखाई गई, इसके लिए मैं सभी सदस्यों का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।

-लोकसभा अध्यक्ष ने संविधान दिवस के मौके पर भाषण देने के लिए धन्यवाद देता हूं।
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