कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कहा कि मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर देश को गुमराह करते रहे हैं और आखिर उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के दबाव में इस अध्यादेश को नहीं लाने का निर्णय लेना पड़ा।
उनका कहना था कि इससे किसान को नुकसान हुआ है और उसका समय बर्बाद हुआ है जिसके लिए मोदी सरकार को माफी मांगनी चाहिए। इससे पहले, पार्टी के प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा था कि इस अध्यादेश का कांग्रेस और विपक्षी दलों ने भारी विरोध किया था। इसके खिलाफ किसानों, कांग्रेस और सभी विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया जिससे सरकार दबाव में आई और उसे इस अध्यादेश को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार देश की जनता और किसानों पर जिस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के जरिए काला कानून थोपना चाहती थी, उसे वापस ले लिया गया है। यह देश की जनता की बड़ी जीत है। यह काम एक साल पहले भी किया जा सकता था और यदि ऎसा होता तो देश की अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिलता।
उनका कहना था कि प्रधानमंत्री के कुछ उद्योगपति मित्रों को किसान की जमीन सस्ते में देकर फायदा पहुंचाने के लिए यह अध्यादेश लाया गया था।