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कांग्रेस को मृत्यु जैसा वरदान, वह कभी बदनाम नहीं होती: पीएम मोदी

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पीएम ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, उन्होंने कहा कि प्रेसिडेंट की बात हमने मानी, सदन चलने दिया, इसके लिए सभी को धन्यवाद

Mar 09, 2016 / 03:56 pm

Abhishek Tiwari

PM Modi In Rajya Sabha

PM Modi In Rajya Sabha

नई दिल्ली। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के कामकाज में बाधा डालने के लिए कांग्रेस को आडे हाथों लेते हुए आज कहा कि उसे कुछ ऐसा वरदान मिला हुआ है कि ऐसे काम करने के बावजूद न उसकी आलोचना होती है और न ही उस पर आरोप लगते हैं।

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में संसद के दोनों सदनों में देर तक काम हो रहा है और सभी इससे संतुष्ट हैं लेकिन पहले के सत्रों में ऐसा नहीं हुआ। संसद के कामकाज में बाधा के कारण पिछले सत्रों में 270 तारांकित सवालों में से केवल 6 का जवाब दिया जा सका । प्रश्नकाल जिसमें सदस्य सरकार को कठघरे में खडे कर सकते हैं उनमें बाधा पहुंचाई गयी।

उन्होंने कहा कि संसद के कामकाज में बाधा पहुंचाने के बावजूद कांग्रेस पर आरोप नहीं लगता और उसका नाम इस मामले में नहीं आता। इस संदर्भ में उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मृत्यु को एक ऐसा वरदान है कि मृत्यु कभी बदनाम नहीं होती, कभी मृत्यु पर आरोप नहीं लगते बल्कि मृत्यु के कारण पर आरोप लगता है।

कांग्रेस को मिला है मौत जैसा वरदान
उन्होंने कहा कि कभी ऐसा लगता है कि कांग्रेस को भी कोई ऐसा वरदान मिला है। वरदान इस अर्थ में कि अगर हम कांग्रेस की आलोचना करें तो आपने मीडिया में देखा होगा ऐसा कहा जाता है विपक्ष पर हमला, कांग्रेस कभी बदनाम नहीं होती। उन्होंने कहा कि जब शरद यादव, सुश्री मायावती या अन्य नेताओं की बात आती है तो मीडिया में पार्टी के नाम से कहा जाता है कि बसपा या जद यू पर हमला लेकिन जब कभी कांग्रेस की बात आती है तो कहा जाता है कि विपक्ष पर हमला।

प्रश्नकाल सदस्यों की अपनी संपत्ति
प्रश्नकाल अपने आप में सदस्यों की अपनी संपत्ति की तरह है। महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करना.. जैसी कई बातों के लिए सबसे ताकतवर समय है यह प्रश्नकाल। सरकार को सजग रखने के लिए प्रश्नकाल अहम है। यही लोकतंत्र की ताकत है। ससंद चलने की वजह से सबको बोलने का समय मिला। देर तक काम करने के बाद भी सभी खुश दिखे।

दोनो सदनों में तालमेल जरूरी
सरकार नीतियों के आधार पर चले, इस पर जोर हो। हमने सत्ता के विकेंद्रीकरण की दिशा में अहम कदम उठाए। हमें क्वांटन जंप की तरफ जाना जरूरी है। दोनों सदनों में तालमेल जरूरी है। लंबित बिल पास करने हैं। 300 संशोधन आए हैं और सबका अपना महत्व है। सदस्यों से अपील है कि संशोधन वापस लें।

माइक्रोस्कोप लेकर खोजी जा रही है मेरी गलतियां
15 लाख करोड़ के ये 300 प्रोजेक्ट 20 साल से अटके हुए थे। जैसे एन्वॉयरमेंट में दिक्कतें हुईं। रेलवे की टेंडर प्रक्रिया को जोनल मैनेजर के हवाले कर दिया है। केवल एक हजार करोड़ रुपए से ऊपर के प्रोजेक्ट के बारे में कैबिनेट फैसला करेगी। माइक्रोस्कोप नहीं वाइनोकुलर लेकर काम किया होता तो आज मुझे मेहनत नहीं करना पड़ती। अगर कांग्रेस काम करती तो जनधन योजना की जरूरत ही नहीं पड़ती।

बताया क्यों खत्म की जा रही है टारगेटेड सब्सिडी
चंडीगढ़ में सब सुविधाएं होने के बावजूद 30 लाख लीटर कैरोसिन जाता था। इसका उपयोग पूंजीपति करते थे। ये टारगेटेड सब्सिडी होने से करोड़ों रुपए की सब्सिडी बचेगी। (सीताराम येचुरी ने मुद्दा उठाया था) सब्सिडी सही लोगों को मिलना चाहिए। गुलाम नबी ने केवल वो लोग खोजे जो जनधन में शामिल नहीं हो पाए।

30 साल बाद भी गंगा गंदी क्यों?
गंगा सफाई के बारे में आप कहेंगे कि ये तो हमने शुरू किया। अगर क्रेडिट लेंगे तो ये भी बताना पड़ेगा 30 साल में क्या क्या किया? दुनिया में दो तरह लोग होते हैं। एक वो जो कार्य करते हैं और दूसरे वो जो श्रेय लेते हैं।

30 फीसदी अनपढ़ लोगों को दिया जाए टिकट
आने वाले राज्यों में 30 फीसदी अनपढ़ लोगों को टिकट दिए जाएं। गुलाम नबी आजाद ने चेन्नई की घटना का जिक्र किया। राजस्थान और हरियाणा ने कुछ चुनावी नियम बनाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें पास किया है। लेकिन जो अशिक्षित रहे, उनका क्या? पांच राज्यों में जो चुनाव हो रहे हैं, उनमें 30 फीसदी अनपढ़ लोगों को टिकट दिए जाएं।

जवाबदेही तय हो
भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद ने जकड़ लिया था। मैंने पिछले दिनों 300 प्रॉजेक्ट खुद रिव्यू किए। फंसे हुए प्रॉजेक्ट फिर से चालू हो गए हैं। सुशासन की पहली शर्त पारदर्शिता है। हमने गुड गवर्नेंस पर जोर दिया है। इसका दूसरा पहलू है जवाबदेही।

डेढ़ साल में ITI में 30 फीसदी इजाफा
2014 में स्किल डेवलपमेंट पर अलग मंत्रालय बनाया गया। डेढ़ साल में ITI में 30 फीसदी इजाफा। अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्कफोर्स तैयार करने पर जोर दिया। स्टार्ट अप्स को तीन साल टैक्स पर रियायत दी है।

कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दो तरह के लोग होते हैं, एक काम करते हैं और दूसरे श्रेय लेते हैं। कांग्रेस ने अगर काम किया होता तो हमें जन-धन लाने की जरूरत नहीं होती।

भाषण का अंत करते हुए उन्होंने निदा फाज़ली की गजल पढ़ी: सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो; सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो; किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं, तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो। यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिरा के तुम संभल सको तो चलो।

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