नई दिल्ली।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभी
अध्यक्ष
बनने के मूड में नहीं हैं। उनकी रणनीति है कि कांग्रेस की कमान
सोनिया गांधी के हाथ
में ही रहे और वे पूर्ववत बाकी संगठनों का काम देखते रहें। उनके इस रूख पर चर्चा के
लिए कांग्रेस कार्यसमिति की आठ सितंबर को प्रस्तावित बैठक में चर्चा होने के आसार
हैं। इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों को 8 सितंबर को दिल्ली में रहने को कहा है। बैठक
का एजेंडा उसी दिन बताया जाएगा।
संकेत हैं कि कार्यसमिति की बैठक में पार्टी
संगठन चुनाव को एक साल आगे बढ़ाने का फैसला कर सकती है। इस संबंध में वह चुनाव आयोग
से अपील करेगी। इस तरह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव अगले साल 2016 तक के लिए टल
जाएगा। दरअसल कांग्रेस संगठन के चुनाव इस साल 31 दिसंबर तक पूरे कराने थे। पार्टी
ने दो चरणों में चुनाव कार्यक्रम की घोषित कर दिया था। यह अक्टूबर तक पूरा होना था।
पार्टी इस चुनाव में राहुल को पूरी तरह से कमान सौंपने की रणनीति पर थी।
दो
विकल्प पर चर्चा संभव कार्यसमिति की बैठक में मोदी सरकार की नीतियों की
आलोचना सहित सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं लेकिन असल चर्चा संगठन
चुनाव पर होने के आसार हैं। संविधान में संशोधन पर समिति की मोहर और अध्यक्ष के
चुनाव को लेकर दो विकल्प पर चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
पहला विकल्प है
कि पार्टी 31 दिसंबर से पहले चुनाव आयोग से चुनाव कराने के लिए और समय मांगें। उसके
पास बिहार चुनाव और अगले साल के शुरू में तमिलनाडु समेत कुछ राज्यों के चुनाव का
बहाना है। दूसरा विकल्प है सोनिया को सर्वसमिति से अध्यक्ष चुनने का फैसला करे और
राज्य इकाइयों से प्रस्ताव मंगवा ले। इस तरह चुनाव की खानापूर्ति पूरी हो जाएगी।
अजीत मैंदोला