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हमारी मांगें मानी गई तो करेंगे GST बिल का समर्थन: राहुल गांधी

Published: Nov 27, 2015 12:49:00 pm

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में वस्तु एवं सेवा कर (GST) बिल का समर्थन करने के लिए तैयार है  बशर्ते…

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में वस्तु एवं सेवा कर (GST) बिल का समर्थन करने के लिए तैयार है बशर्ते सरकार उनकी तीन मांगें मान ले। गांधी ने संसद भवन परिसर मं संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी को तीन बिंदुओं पर आपत्ति है। इस बारे में बातचीत चल रही है। जीएसटी से लोगों का फायदा होगा। हम कर की सीमा चाहते हैं। अगर सरकार हमारी बात मानती है तो हम इसका समर्थन करेंगे।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी विधेयक पास कराने को लेकर प्रयत्नशील केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही इस पर अपना रुख साफ कर दिया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स दर विस्तृत रूप से निर्धारित करने के कांग्रेस के सुझावों को हास्यास्पद बताया था। जेटली के इस बयान से साफ जाहिर है कि सरकार फिलहाल संशोधन करने को तैयार नहीं। उद्योग परिसंघ एसोचैम के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को चर्चा में जेटली ने कहा कि कर निर्धारित करने का कांग्रेस का सुझाव हास्यास्पद है। इससे प्रक्रिया जटिल होगी, जबकि वस्तुओं के दाम में उतार-चढ़ाव बना रहता है। जीएसटी बिल पर सरकार को जदयू और तृणमूल का साथ मिल रहा है।

इन बिंदुओं पर है टकराव

कांग्रेस की मांग है कि विधेयक में कर की दर 18 प्रतिशत तय की जाए, जबकि मई में लोकसभा में पास बिल में कर दर निर्धारण का उल्लेख नहीं, कर की दर जीएसटी परिषद तय करेगी। कांग्रेस की मांग है कि गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे उत्पादक राज्यों को प्रवेश कर में एक प्रतिशत प्रवेश कर में अनुदान खत्म किया जाए, सरकार इसे हटाने को तैयार है।



राहुल गांधी ने रखी ये तीन मांगे

(1) किसी वस्तु पर कितना टैक्स बढ़ेगा, इसके लिए संसद के दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होनी चाहिए।
(2) कोई वस्तु जितने राज्यों से गुजरेगा तो उन राज्यों को एक फीसदी का हिस्सा मिलेगा, कांग्रेस इसको बदलना चाहती है। इसमें जो उत्पादक राज्य हैं, उसको फायदा है और गरीब राज्यों को नुकसान।
(3) विवाद होने पर किसकी चलेगी केन्द्र या राज्य की।

राहुल गांधी की इन मांगों पर जवाब देते हुए अरूण जेटली ने कहा था कि जीएसटी बिल कांग्रेसनीत गठबंधन यूपीए सरकार द्वारा ही बनाया गया था। हमने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है।

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