मशहूर वकील एचएस फुल्का ने कहाकि ऐसा प्रधानमंत्री जिसकी पार्टी दंगे के लिए जिम्मेदार हो वह भारत रत्न नहीं हो सकता।
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी नेता और मशहूर वकील एचएस फुल्का ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग की है। फुल्का ने कहाकि ऐसा प्रधानमंत्री जिसकी पार्टी दंगे के लिए जिम्मेदार हो वह भारत रत्न नहीं हो सकता। हम मांग करते हैं कि राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए। इस मौके पर सिखों को न्याय दिलाने के लिए ऑल पार्टी ग्रुप बनाने की घोषणा भी की गई।
फुल्का के साथ भाजपा के नेता आरपी सिंह भी थे। दोनों ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि 31 साल पहले आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सिखों की हत्या को उचित करार दिया था। उन्होंने 19 नवंबर 1984 को भीड़ को संबोधित करते हुए कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है। उस भीड़ में अधिकतर ऐसे कांग्रेसी नेता शामिल थे जो सिखों की हत्या में शामिल थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजीव गांधी के भाषण का वीडियो भी दिखाया गया।
फुल्का ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी ने दोषी नेताओं पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें इनाम दिया। जगदीश टाइटलर और एचकेएल भगत जैसे नेताओं को केन्द्रीय मंत्री बनाया गया। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह जानकारी हासिल करना भी जरूरी नहीं समझा कि उस समय कितने सिखों की हत्या हुई थी। तत्कालीन गृहमंत्री ने संसद में बताया कि 650 सिखों की हत्या हुई जबकि अटल बिहारी वाजपेयी ने 2800 सिखों की सूची जारी की थी। इस पर कांग्रेस ने वाजपेयी को राष्ट्रद्रोही बताया था।
वहीं भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहाकि कांग्रेस पार्टी ने सिखों की हत्या कराई थी। इसके लिए उन्होंने माफी मांगना भी जरूर नहीं समझा। इन आरोपों पर कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहाकि गलत आरोपों के आधार पर राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग बेहूदा और तुच्छ प्रयास है।