राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून थी और इस दौरान 95 उम्मीदवारों की ओर से 108 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। 93 उम्मीदवारों की नामाकंन पत्रावलियों को जांच के बाद अस्वीकार कर दिया गया।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून थी और इस दौरान 95 उम्मीदवारों की ओर से 108 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। इनमें एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद और विपक्ष की ओर से उम्मीदवार मीरा कुमार ने 4-4 नामांकन पत्र जमा किए थे। इन दोनों को छोड़कर शेष 93 उम्मीदवारों की नामाकंन पत्रावलियों को जांच के बाद अस्वीकार कर दिया गया। एक उम्मीदवार ने तो नामांकन पत्र में खुद को भगवान बताया है और अपना नामांकन खारिज करने के बाद शाप भी दिया। अब 17 जुलाई को चुनावी मुकाबला सिर्फ रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार में होगा।
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मैं भगवान हूं और सबसे शक्तिशाली भी
पानीपत के दीनदयाल अग्रवाल खुद को भगवान बताते हैं और सर्वशक्तिमान समझते हैं। इन्होंने अपने नामाकंन पत्र में लिखा कि मुझे प्रस्तावकों के लिए 50 विधायकों और सांसदों की आवश्यकता नहीं हैं। दीनदयाल के अनुसार ‘रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार को राष्ट्रपति नहीं बनाना चाहिए। क्या उन दोनों के पास कोई जादू की छड़ी है। यदि मेरी अपील नहीं मानी गई तो नई दिल्ली में भारी भूकंप आएगा। मैं दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक हूं और मुझे ही राष्ट्रपति बनाया जाए।’ वहीं नामांकन खारिज करने पर दीनदयाल ने वहां मौजूद एक अधिकारी को भारी तबाही होने का शाप भी दिया। संयोगवश थोड़ी ही देर में बारिश भी शुरू हो गई थी।
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भगत सिंह और नेताजी बोस बने प्रस्तावक
वहीं, जींद हरियाणा के एक उम्मीदवार ने शहीद भगत सिंह, सुभष चंद्र बोस, डॉ. बीआर अंबेडकर, लेनिन और जेएफ कैनेडी व रोनाल्ड रीगन का भी नाम प्रस्तावकों में शामिल किया है। जबकि, कुछ अन्य उम्मीदवारों ने अमिताभ बच्चन, लता मंगेशकर के साथ टाटा-बिड़ला के नाम भी दिए हैं।
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हस्ताक्षर भी पाए गए नकली
लोकसभा से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, कुछ आवेदकों के हस्ताक्षरों में त्रुटि पाए जाने से उन्हें खारिज किया गया है, तो वहीं दो-तीन आवेदनों में पता और दस्तावेज में खामियां मिली। इसके अलावा कई उम्मीदवारों ने चुनाव प्रक्रिया में संशोधन किए जाने की मांग भी की है। इतना ही नहीं एक आवेदक ने तो राष्ट्रपति पद सिर्फ पुरुषों के लिए आरक्षित करने का आग्रह भी किया।