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सुप्रीम कोर्ट से मनमोहन को राहत, समन आदेश पर रोक

खंडपीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भी जारी किया जिस पर उसे तीन हफ्ते में जवाब देना है

Apr 01, 2015 / 02:03 pm

जमील खान

Manmohan Singh

Manmohan Singh

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं अन्य को राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत के समन आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा एवं न्यायमूर्ति सी नागप्पा की खंडपीठ ने डॉ. सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद समन आदेश पर रोक लगाई। खंडपीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भी जारी किया जिस पर उसे तीन हफ्ते में जवाब देना है।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि डॉ. सिंह एवं अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए कानूनी प्रश्नों पर वह विचार करेगी और तब तक निचली अदालत के समन आदेश एवं सभी संबंधित कार्यवाही पर रोक रहेगी। याचिकाकर्ताओं में पूर्व प्रधानमंत्री के अलावा हिन्डाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कुमार मंगलम बिड़ला, देव नारायण भट्टाचार्या और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख शामिल हैं।

यह मामला बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को उड़ीसा के तालाबीरा में कोयला ब्लॉक आवंटित करने में कथित गड़बडी से जुड़ा है। डॉ सिंह उस वक्त कोयला मंत्रालय भी संभाल रहे थे। गौरतलब है कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने गत 11 मार्च को डॉ. सिंह, बिड़ला, पारख, भट्टाचार्य एवं हिंडाल्को को आठ अप्रेल को आरोपी के रूप में कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने इन सभी को आपराधिक साजिश रचने, विश्वास तोड़ने और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के आरोपों के तहत तलब किया है। सितंबर 2005 में पारख ने ओडिशा के तालाबीरा दो और तीन के कोयला ब्लॉक संयुक्त रूप से हिंडाल्को, महानदी कोल फिल्ड और नेमवेली लिग्नाइट को आवंटित करने की सिफारिश की थी।

कोयला मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभाव संभाल रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. सिंह ने उसी वर्ष अक्टूबर में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। अक्टूबर 2013 में सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज क राई थी जिसमें पारख और बिड़ला को आपराधिक साजिश रचने के लिए नामजद किया गया था।

सीबीआई ने साक्ष्य के अभाव का हवाला देते हुए अगस्त 2014 में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की फटकार के दो माह बाद उसने संशोधित रिपोर्ट पेश की थी।

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