मीडिया से बात करते हुए जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि हठ धर्म से गठबंधन धर्म बड़ा होता है और यह बात आरजेडी सुप्रीमो को समझ लेना चाहिए। नीरज कुमार ने कहा कि जिद की राजनीति से गठबंधन नहीं चलता है।
नई दिल्ली: बिहार में महागठबंधन में कई दिनों से चल रहे गतिरोध के बीच मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई।बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। जहां उन्होंने अपना पूरा पक्ष रखा । ये बैठक करीब 45 मिनट तक चली। हालांकि, बैठक में क्या बात हुई इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। इससे पहले एक बार जेडीयू ने आरजेडी को गठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत दे चुकी है। वहीं दूसरी आरजेडी भी अपने रुख पर कायम है। दोनों पार्टियों के बीच तल्खी कम करने के लिए कांग्रेस आगे आई। कांग्रेस दोनों नेताओं को एक-दूसरे के सामने बिठाने में सफल रही।
छापेमारी के बाद नीतीश तेजस्वी की नहीं हुई थी मुलाकात
दरअसल रेलवे से जुड़े मामले में सीबीआई छापे के बाद तेजस्वी यादव और
नीतीश कुमार में कोई मुलाकात नहीं हुई थी। दोनों दलों के प्रवक्ताओं ने तीखे बयान से हालात काबू से बाहर कर दिए थे।
सूत्रों के अनुसार, आरजेडी और जेडीयू के बीच जंग को समाप्त करने में कांग्रेस के दो सीनियर नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद ने भी भूमिका निभाई। नीतीश ने कांग्रेस के नेताओं से कहा कि बतौर सीएम उन्हें अपने मंत्री पर लगे आरोपों को जानने का हक है। नीतीश से मिले संकेत के बाद कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री अशोक कुमार चौधरी को दोनों नेताओं को मिलवाने की जिम्मेदारी सौंपी।
महागठबंधन में कलह जारी
बिहार में महागठबंधन में कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। तेजस्वी यादव के इस्तीफे नहीं देने को लेकर जदयू और राजद में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में जेडीयू ने महागठबंधन को बनाए रखने को लेकर एक नया दांव खेल दिया है। जेडीयू ने राजद से कहा है कि अगर उन्हें गठबंधन बनाए रखना है तो तेजस्वी का इस्तीफा करा देना चाहिए।
राजनीति से गठबंधन नहीं चलता
मीडिया से बात करते हुए जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि हठ धर्म से गठबंधन धर्म बड़ा होता है और यह बात आरजेडी सुप्रीमो को समझ लेना चाहिए। नीरज कुमार ने कहा कि जिद की राजनीति से गठबंधन नहीं चलता है।
नीतीश कुमार के तरफ से साफ संकेत मिलने के बावजूद तेजस्वी ने पिछले 12 दिनों से अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोई भी संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया है, मगर जेडीयू को अब भी उम्मीद है कि इसको लेकर तेजस्वी जल्दी अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
गौरतलब है कि आरजेडी ने तर्क दिया है कि जब केंद्रीय मंत्री
उमा भारती ने इस्तीफा नहीं दिया है, जबकि उनके खिलाफ बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुका है, तो महज एक प्राथमिकी दर्ज होने की वजह से तेजस्वी यादव आखिर इस्तीफा क्यों दें? मगर जेडीयू ने इस तर्क को फालतू करार देते हुए कहा कि
नरेंद्र मोदी सरकार के मॉडल में भले ही चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होती होगी मगर
नीतीश कुमार सरकार के मॉडल में भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर उससे समझौता नहीं किया जाएगा।
बीजेपी ने राजद पर साधा तंज
वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने कहा है कि तेजस्वी यादव, नीतीश की बात नहीं मानकर सीधे-सीधे उनके अधिकार को चुनौती दे रहे हैं। भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि तेजस्वी के मुद्दे पर नीतीश की खामोशी आश्चर्यजनक है और उन्हें अपने उपमुख्यमंत्री के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि उनके सुशासन बाबू की छवि बरकरार रहे।