भागवत ने कहा कि मेरी मुलाकात के दौरान अशोकजी ने अपने दो प्रण साझा किए थे राम मंदिर का निर्माण और दूसरा विश्व में वैदिक ज्ञान का प्रसार
नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के चीफ अशोक सिंघल की याद में हुई शोक सभा के दरमयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर बनाना ही सिंघल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। एक बार पुनः राम मंदिर के मुद्दे को हवा देते हुए उन्होंने कहा कि मेरी मुलाकात के दौरान अशोकजी ने अपने दो प्रण साझा किए थे- एक तो राम जन्मभूमि में राम मंदिर का निर्माण और दूसरा विश्व में वैदिक ज्ञान का प्रसार। उन्होंने कहा कि हमें अशोकजी के प्रण को साकार करना है तो हमें आज संकल्प लेना होगा कि हम उनके प्रण को अपना प्रण बनाएंगे।
बता दें 17 नवंबर को सिंघल का गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। सिंघल लंबे अरसे तक राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे। भागवत ने कहा कि इन लक्ष्यों की दिशा में निष्ठापूर्ण कार्य करने से इन्हें पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अशोकजी की भावना इस कार्य में हमारा मार्गदर्शन करेगी। हमें अशोकजी के दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ना और काम करना है और आगामी सालों में हमें उम्मीद है कि हम राम मंदिर निर्माण का उनका सपना पूरा करने की दिशा में काम करेंगे। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सिंघल हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार हमेशा हमारे साथ हैं।
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने भी सिंघल से अपने 60 साल के संबंधों को याद किया। उन्होंने कहा कि सिंघल पूरी दुनिया में वैदिक मूल्यों के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने कहा कि राम और भरत एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। उन्होंने कहा कि सिंघल कभी भी बांटने वाले नहीं बल्कि जोड़ने वाले व्यक्ति थे।