कर्नाटक के उडुप्पी शहर के मंदिर में दलितों की जनसभा के बाद संघ परिवार ने यहां शुद्धिकरण समारोह का आयोजन किया गया।
बेंगलुरु। गुजरात के ऊना में दलित पर हुए अत्याचार के विरोध में जिगनेश मेवानी और वकीलों की ओर से कर्नाटक के उडुप्पी में एक कार्यक्रम में हजारों दलितों ने भाग लिया। कर्नाटक के उडुप्पी शहर के मंदिर में दलितों की जनसभा के बाद संघ परिवार ने यहां शुद्धिकरण समारोह का आयोजन किया गया।
दलितों के कार्यक्रम के बाद अशुद्ध हो गया था मंदिर परिसर
संघ परिवार की युवा बिग्रेड का कहना था कि यहां कृष्ण मंदिरों के आसपास दलितों की जनसभा के बाद ये परिसर अशुद्ध हो गया था। इस वजह से यहां शुद्धिकरण समारोह आयोजित किया गया। मंदिरों के शहर उडुप्पी में इस जनसभा का आयोजन किया गया था। वहीं संघ परिवार के एक संगठन ने शुद्धिकरण समारोह का आयोजन किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह शुद्धिकरण समारोह का आयोजन विश्वेश्वा तीर्थ की ओर से आयोजित किया गया था। पेजावर मठ के 86 साल के शंकराचार्य ने ये शुद्धिकरण किया। रिपोर्ट के अनुसार तीर्थ सेलेकर सड़क की झाडू से सफाई की गई।
9 अक्टूबर को उडुप्पी मंदिर में दलितों ने किया था आयोजन
युवा ब्रिगेड के सदस्यों के एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भी किया। हालांकि जिला प्रशासन के आदेश में इस प्रकार के किसी भी विरोध प्रदर्शन के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई थी इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। सूत्रों के अनुसार 9 अक्टूबर को उडुप्पी चलो नाम से एक रैली का आयोजन किया गया था जिसमें बेंगलुरु से लेकर उडुप्पी तक के हजारों दलितों ने भाग लिया था। मेवानी ने यहां समापन बैठक में उडुप्पी मंदिर में पंक्ति भेडा प्रथा (जाति आधारित भोजन के लिए बैठने की व्यवस्था) और गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। मेवानी ने कहा कि इसके लिए हम जेल जाने को तैयार हैं। गुजरात के वकीलों ने आरोप लगाया था कि सरकार की ओर से भूमि आवंटन में जाति आधारित भेदभाव किया जा रहा है।