अजीज ने कहा था कि भारत इस प्रकार व्यवहार करता है कि मानो वह क्षेत्रीय महाशक्ति है, लेकिन हम भी एक परमाणु हथियार सम्पन्न देश हैं और हम जानते हैं कि खुद की रक्षा कैसे करनी है। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा कि “जब एक सीनियर डिप्लोमेट और पूर्व विदेश मंत्री परमाणु हथियारों की बात करता है तो सनकीपन दिखाई देता है। क्या मैं सरताज अजीज को हिरोशिमा और नागासाकी याद दिला सकता हूं ? वहां कितने हजारों लोग मारे गए? वहां एक इंच घास भी नहीं उगती। क्या सरताज अजीज जम्मू कश्मीर को बम से उड़ाना चाहते हैं?
नेकां संरक्षक ने कहा कि वार्ता न होना दुखद है। इसका अर्थ यह है कि फायरिंग जारी रहेगी। इसमें दोनों ओर से महिलाएं, बच्चे और लोग मारे जाएंगे। इससे क्या हासिल होगा। कुछ नहीं। वार्ता रद्द होने से हमें निराशा हुई है। जम्मू-कश्मीर के लोग सर्वाधिक निराश हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को हुर्रियत को नकार देना चाहिए। यह पाकिस्तान की देन है और पाकिस्तान उससे हमेशा बात करता रहता है। हुर्रियत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता।