एआईएडीएमके के संस्थापक एम जी रामचंद्रन की जयंती की पूर्व संध्या पर पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए संदेश में शशिकला ने कहा कि जयललिता की जगह को कोई नहीं भर सकता।
चेन्नई। एआईएडीएमके महासचिव वीके शशिकला ने सोमवार को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जयललिता के आकस्मिक निधन के बाद पैदा हुए संकट के हालात का शत्रु फायदा न उठाने पाएं। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं के स्नेह भरे आदेश पर उन्होंने पार्टी की कमान संभाली है।
एआईएडीएमके के संस्थापक एम जी रामचंद्रन की जयंती की पूर्व संध्या पर पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए संदेश में शशिकला ने कहा कि जयललिता की जगह को कोई नहीं भर सकता। उन्होंने कहा कि कोई पुरची तलैवी अम्मा की जगह नहीं भर सकता, लेकिन करोड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं पर बड़ी जिम्मेदारी है जो इसकी जड़ें हैं। यह सुनिश्चित करना है कि दुश्मनों को किसी भी तरह अम्मा के आकस्मिक निधन द्वारा पैदा संकट का फायदा नहीं उठाने दिया जाए।
शशिकला ने कहा कि जयललिता अकसर कड़े परिश्रम और निष्ठा के लिए सम्मानित करती थीं और पार्टी में इसके ही मायने थे। एआईएडीएमके में जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए नई उंचाइयों पर पहुंचने के लिहाज से जाति या वर्ण जैसे दूसरे कारकों का कभी कोई महत्व नहीं रहा।
जयललिता के साथ अपने 33 साल के रिश्तों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य पूर्व मुख्यमंत्री की भलाई था। जयललिता के निधन के बाद पिछले महीने पार्टी महासचिव बनाए जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वैसे तो मैं अपनी बाकी जिंदगी इन 33 सालों को याद करते हुए बिता सकती थी, लेकिन मैंने इस फिक्र में खुद को सार्वजनिक जीवन में समर्पित करने का फैसला किया कि भारत के तीसरे सबसे बड़े आंदोलन को झटका नहीं लगना चाहिए। और आपके स्नेह भरे आदेश की वजह से भी मैंने पद संभाला। शशिकला ने कहा कि उनके पार्टी प्रमुख रहते हुए भी कार्यकर्ता जयललिता जैसा ही संरक्षण महसूस कर सकते हैं। उन्होंने एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अम्मा के दिखाए रास्ते पर विजय प्राप्त करते हुए चलते रहें।