नई दिल्ली। उच्चतम न्यायलय ने
आय से अधिक संपत्ति के मामले में
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को राहत प्रदान करते हुए उनकी जमानत अवधि
12 मई तक बढ़ा दी। मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की खंडपीठ ने जयललिता की जमानत अवधि बढ़ाने का आदेश देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय को उनकी अपील के निबटारे के लिए 12 मई तक का समय दिया।
ये भी पढ़ेंः जयललिता की याचिका पर सुनवाई रोकने से इनकारचीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट में 3 जजों की बेंच का गठन कर दिया है और ये बेंच 21 अप्रैल से सुनवाई करेगी। इससे पहले डीएमके की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की राय अलग होने की वजह से मामले को बड़ी बेंच को भेज दिया था। इस बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता की जमानत हाईकोर्ट का फैसला आने तक बढ़ा दी। क्योंकि कोर्ट ने जया को जमानत 17 अप्रैल तक ही दी थी। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर कहा था कि हाईकोर्ट को फैसला सुनाने के लिए 30 अप्रैल तक का वक्त दिया जाए, लेकिन चीफ जस्टिस ने इसके लिए 12 मई तक का वक्त दे दिया है।
ये भी पढ़ेंः जया की याचिका पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षितइससे पहले सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने अलग-अलग फैसला दिया, जिसकी वजह से मामले को 3 जजों की बेंच को भेजा गया। इस वजह से जयललिता की अपील पर फैसला भी टल गया। हालांकि इससे पहले हाइकोर्ट 11 मार्च को ही सारी सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख चुका है, लेकिन अब तीन जजों की बेंच के फैसले पर ही सब निर्भर होगा।
खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत में सुश्री जयललिता एवं अन्य की अपील के निबटारे में देरी होने की स्थिति में उच्च न्यायालय और अधिक समय की मांग करने के लिए स्वतंत्र होगा। गौरतलब है कि विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय के खंडित आदेश के बाद इसे वृहद् पीठ को सौंपा गया है।