नई दिल्ली। दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) वित्तीय अनियमितताओं के मामले में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाने को लेकर मानहानि का सामना कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को उस समय दिल्ली हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा जब इसने निचली अदालत में उन पर चल रहे आपराधिक मामले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति पी एस तेजी ने कहा कि निचली अदालत में आपराधिक मामला चलता रह सकता है और मानहानि के मामले की वजह से इस पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि एक साथ दो मामले चल रहे हैं। इसलिए, आपराधिक मामले पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि दीवानी और आपराधिक मामले साथ-साथ चल सकते हैं।
जेटली ने डीडीसीए में सार्वजनिक तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर केजरीवाल और पांच अन्य नेताओं पर पिछले साल दिसंबर में दीवानी और आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। वित्त मंत्री ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं ने उनकी छवि खराब करने के लिए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। याचिका में कहा गया था कि आप नेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए उनके और उनके परिवार के खिलाफ गलत और दुर्भावनापूर्ण अभियान चला रहे हैं। इस मामले में भी केजरीवाल के अलावा आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, दीपक बाजपेयी और राघव चड्ढ़ा आरोपी हैं।