जानबूझकर उनकी मौत की खबर छुपाई गई और इस दौरान रातोंरात पार्टी की सत्ता का हस्तांतरण हुआ, जिसके लिए विधायकों से कोरे कागज पर दस्तखत करा लिए गए
पत्रिका न्यूज नेटवर्क, चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। उनके आखिरी 24 घंटों में कई साजिश रची गईं। जानबूझकर उनकी मौत की खबर छुपाई गई और इस दौरान रातोंरात पार्टी की सत्ता का हस्तांतरण हुआ, जिसके लिए विधायकों से कोरे कागज पर दस्तखत करा लिए गए। एक न्यूज चैनल ने एआईएडीएमके के विधायकों से हुई बातचीत के आधार पर यह चौंकाने वाले राज उजागर किए हैं।
हस्ताक्षर क्यों करवाए
पार्टी में खलबली मची है कि विधायकों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर क्यों करवाए। माना जा रहा है कि शशि ने विधायकों से सत्ता का हस्तांतरण करवा लिया।
जया रहेंगी पार्टी प्रमुख
साफ है कि पार्टी कमान शशिकला के हाथों में रहेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा, शशि आगे आएं और पार्टी संभाले। तय हुआ जया को ही प्रतीकात्मक रूप से पार्टी का जनरल सेक्रेटरी रहने दिया जाए जबकि कामकाज संभालने के लिए शशिकला को एडिशनल जनरल सेक्रेटरी का पद दिया जाए।
ऐसे चला खेल
रविवार दोपहर : जयललिता को कार्डिक अरेस्ट के बाद विधायकों को अस्पताल बुलवाया गया। रविवार रात ही सभी को पहुंचने के आदेश दिए।
रविवार रात 10.40 : सभी को कहा, जयललिता ठीक हैं। इसके बाद अस्पताल के तलघर में मंत्रियों और विधायकों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाए गए। कुछ नहीं बताया गया।
सोमवार तड़के 4 बजे : जयललिता को आईसीयू में शिफ्ट किया। उन्हें किसी ने नहीं देखा। काले कांच थे।
सोमवार सुबह 11 बजे : अस्पताल के तलघर में मंत्रियों और विधायकों को बैठक के लिए बुलाया। तीन कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवाए।
सोमवार दोपहर 2 बजे : विधायकों को अनौपचारिक रूप से बता दिया जयललिता नहीं रहीं। शाम को सभी विधायकों को पार्टी ऑफिस बुलाया। पन्नीरसेल्वम भी मौजूद थे। मीडिया को बताने से मना किया।
सोमवार रात 11.15 बजे : विधायकों को पन्नीरसेल्वम को सीएम बनाने की बात बताई गई। विधायकों को कार छोड़कर जाने और बसें अरेंज कर, राजभवन जाने को कहा गया। 12.15 पर जया की मौत की घोषणा हुई।