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पीएम मोदी को इंदिरा की तरह ले डूबेंगे भक्त: शिवसेना

Published: Jul 09, 2017 08:07:00 pm

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ललित fulara

बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) में दो दिन पहले भाजपा के पार्षदों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए थे और शिवसेना के पार्षदों ने जवाब में ‘चोर है चोर है’ का नारा लगाया था।

uddhav thackrey shivsena

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मुंबई: केंद्र और महाराष्ट्र में सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेनाने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि मोदी के भक्त प्रधानमंत्री को उसी तरह डुबा देंगे, जैसे इंदिरा गांधी का पतन हो गया था। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र में लिखे संपादकीय में कहा कि आज देश ऐसे लोगों से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है। ये जो ‘मोदी-मोदी चिल्लाते हैं, वास्तव में वे प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

पीएम का नाम गर्व से लिया जाना चाहिए
लेख में शिवसेना ने लिखा है कि हमने मोदी का हमेशा प्रधानमंत्री के रूप में सम्मान किया है। उनका नाम लोगों के बीच गर्व से लिया जाना चाहिए, लेकिन सनकी तरीके से नहीं। पार्टी ने याद दिलाया कि 1971 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था और पूर्वी पाकिस्तान को उससे अलग कर बांग्लादेश बनवा दिया था। संपादकीय में कहा गया है, उस वक्त उनके भक्त भी ‘भारत ही इंदिरा है’ का नारा लगाने लगे थे इसके बावजूद उन्हें चुनावों में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। उनके भक्तों ने ही उन्हें डूबो दिया था।
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मोदी-मोदी के जवाब में शिवसेना पार्षदों ने कहा चोर है चोर है 
बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) में दो दिन पहले भाजपा के पार्षदों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए थे और शिवसेना के पार्षदों ने जवाब में ‘चोर है चोर है’ का नारा लगाया था। इस घटना का उल्लेख करते हुए संपादकीय में लिखा गया कि जिन लोगों ने (भाजपा ने) शिवसेना के शेरों को चुनौती दी, उन्हें ‘कान के नीचे’ खींचकर जवाब दिया गया।

647 करोड़ के अनुदान को लेकर मचा हल्ला
पांच जुलाई को हुए बीएमसी कार्यक्रम के बारे में शिवसेना ने हैरत जताते हुए कहा कि 647 करोड़ के अनुदान को लेकर इतना हल्ला क्यों मचाया गया जबकि यह पैसा न तो भाजपा के खजाने से आ रहा था और न शिवसेना के खजाने में जा रहा था। संपादकीय में कहा गया है कि यह धन (जीएसटी लागू होने के बाद चुंगी न मिलने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मिला धन है। जो महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुंबई शहर को दिया गया था। लेकिन इन (भाजपा के) शहर के बापों’ ने ऐसे जताया कि जैसे यह पैसा उनकी जेब से आ रहा हो।
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