सामना के संपादकीय में लिखा है कि असहिष्णुता के मुद्दे पर आमिर खान की देशभक्ति का गुब्बारा भी फूट गया है।
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान पर अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए हमला बोला है। इसमें आमिर को रणछोड़दास की संज्ञा देते हुए लिखा कि, हिंदी फिल्मों के खान लोगों को बीच-बीच में देश छोड़कर जाने की इच्छा होती रहती है। कहा गया कि कुछ दिनों पहले शाहरूख खान को भी इसी तरह की मतली आई थी। सामना के संपादकीय में लिखा है कि असहिष्णुता के मुद्दे पर आमिर खान ने बेवजह गाल बजाया है और उनके इस बयान से उनके चेहरे पर चढ़ा ‘सत्यमेव जयते’ का मुखौटा उतर गया है। साथ ही उनकी देशभक्ति का गुब्बारा भी फूट गया है।
इसमें आगे लिखा गया है कि देश के मुश्किल में होने पर मजबूती से डटे रहने के बजाय खान देश छोडऩे की बात करते हैं। इसमें सवाल किया गया कि ऐसा कौन-सा संकट आया है, यह तो पता चले…? इस देश ने आमिर खान जैसे लोगों को लोकप्रियता, प्रतिष्ठा और वैभव दिया, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया, ‘पीके’ जैसी फिल्म में हिन्दू धर्म पर टीका-टिप्पणियां की गई थीं, लेकिन फिर भी फिल्म ने करोड़ों रुपये का व्यापार किया, क्या इसलिए क्योंकि यह देश असहिष्णु है?
सामना आगे लिखता है कि अगर आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव का ‘असहिष्णुता’ के कारण ही दम घुट रहा है, तो उन्हें अपनी अगली फिल्म हिन्दुस्तान की जगह किसी और जगह प्रदर्शित करनी चाहिए और वहां पर सहिष्णुता का आनंद लेना चाहिए। हाल ही में शहीद हुए कर्नल संतोष महाडिक की पत्नी का भी हवाला देते हुए लिखा है कि इस दु:ख की घड़ी में पति के शहीद हो जाने के बावजूद उन्होंने देश छोडऩे का विचार करने की जगह अपने दोनों बच्चों को देश की रक्षा के लिए सेना में भेजने का संकल्प लिया है।
शिवसेना के मुखपत्र में आगे लिखा गया है कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, देव आनंद, दिलीप कुमार, फिरोज खान, सलीम खान, और इतना ही नहीं सलमान खान जैसे स्टारों को भी कभी भय नहीं लगा। उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि देश छोड़कर भाग जाएं। दिलीप कुमार यानी यूसुफ खान की जन्मस्थली पेशावर (पाकिस्तान) में है और उन्हें अपने जन्मस्थल से लगाव भी है, लेकिन देश अगर संकट में है तो भाग जाने का विचार उनके मन में कभी नहीं आया।