मुसलमानों का मताधिकार समाप्त किया जाए : शिवसेना
Published: Apr 12, 2015 10:53:00 pm
शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा है कि देश के मुसलमानों से मतदान का अधिकार छीन लेना चाहिए
मुंबई/नई दिल्ली। शिवसेना नेता संजय राउत ने एक लेख में कहा है कि वोट-बैंक की राजनीति खत्म करने के लिए मुसलमानों का मताधिकार समाप्त कर देना चाहिए। राउत ने लेख में समुदाय का धु्रवीकरण करने के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेताओं असदुद्दीन एवं अकबरूद्दीन ओवैसी की आलोचना की।
राउत के लेख पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने घृणा फैलाने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन की आलोचना की।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के ताजा अंक में प्रकाशित लेख में राज्यसभा सदस्य राउत ने एआईएमआईएम के नेता ओवैसी को “हैदराबाद वाला ओवैसी भाई” कहकर संबोधित किया है और कहा है, जबतक मुस्लिम वोट बिकते रहेंगे, तबतक यह समुदाय पिछड़ा रहेगा और इनके नेता अमीर होते जाएंगे।
मराठी भाषा में प्रकाशित लेख में राउत ने लिखा है कि यही कारण है कि बालासाहेब कहा करते थे, मुस्लिमों से मताधिकार का अधिकार वापस ले लेना चाहिए।
उन्होंने लिखा, ओवैसी भाई मुसलमान वोटों की राजनीति कर रहे हैं और हम नहीं जानते कि इससे उनको या समुदाय को फायदा मिलेगा या नहीं, लेकिन इससे देश को नुकसान जरूर पहुंचेगा।
राउत ने यह भी कहा है कि पूर्व में जामा मस्जिद के इमाम मुसलमानों को वोट देने के बारे में सलाह देना अधिकार समझते थे और अब यही काम ओवैसी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों के लिए खतरे की घंटी है।
कुछ दिनों पहले अकबरूद्दीन ओवैसी ने भी मुंबई में एक रैली में शिवसेना पर निशाना साधते हुए पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को हैदराबाद आने की चुनौती दे डाली थी।
अपने लेख का बचाव करते हुए राउत ने बाद में कहा कि वोट बैंक की राजनीति मुस्लिमों को मुख्य धारा से दूर ले गई है।
राउत ने कहा, वोट बैंक की राजनीति मुस्लिमों को मुख्यधारा से दूर ले गई है। जाइए और देखिए मुस्लिम किस स्थिति में रहते हैं। उनके नेताओं ने 50 सालों में उनके समुदाय के लिए क्या किया? उन्होंने पाकिस्तान बनाया… जिन्ना ने वोट वैंक की राजनीति की, जामा मस्जिद के इमाम वोटों के ध्रुवीकरण का प्रयास करते हैं, मुलायम सिंह और लालू प्रसाद ने यही किया… और अब हमारे ये नए नेता (ओवैसी) ऎसा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, जब तक यह वोट बैंक की राजनीति जारी रहेगी, मुस्लिम मुख्य धारा से दूर रहेंगे। इसीलिए बालासाहेब मुस्लिमों के सामाजिक विकास के लिए कहा करते थे कि उन्हें कुछ समय के लिए राजनीति से दूर रखना चाहिए।
इस लेख के प्रकाशित होने के बाद कांग्रेस ने घृणा फैलाने के लिए रविवार को सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार पर हमला बोला।
कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, “”सामना सोचता है कि हम भारत जैसे किसी लोकतांत्रिक देश में नहीं बल्कि तालिबान शासन वाले क्षेत्र में रह रहे हैं। हमारी जैसी संस्कृति में सामना के लिए कोई जगह नहीं है।””
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासनों के बाद भी सांप्रदायिक टिप्पणियां लगातार क्यों की जा रही हैं।