शिवराज ने कहा, सभी मौतों को व्यापमं से जोड़ना ठीक नहीं
Published: Jul 06, 2015 03:32:00 pm
वहीं, कांग्रेस हमलों के बीच शिवराज सिंह
चौहान ने कहा कि प्रदेश में हो रही मौतों को व्यापमं घोटाले से जोड़ना ठीक नहीं है
नई दिल्ली/भोपाल। व्यापमं घोटाले पर मध्यप्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा मांगा है। पार्टी ने साथ ही कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह संभव नहीं हो सकता कि 2007 से 2013 के बीच जिस घोटाले ने सात साल तक 76 लाख उम्मीदवारों को प्रभावित किया हो, उसके बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री को जानकारी नहीं हो।
सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री से पूछा कि 2010-2013 के बीच उन्होंने इस मामले में कोई सख्त कदम क्यो नहीं उठाया। व्यापमं घोटाले में जांच बैठाने को लेकर हुई देरी पर सवाल करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि घोटाले की जांच के समिति का गठन वर्ष 2009 में किया गया था, लेकिन समिति की पहली बैठक 13 महीने बाद हुई थी।
सुरजेवाला ने आगे कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने कॉलेज स्तर की जांच के लिए 06-11-2011 को एक और समिति के गठन का आदेश दिया। इस समिति को एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था, लेकिन एक महीने की बजाए समिति ने 30 महीनों बाद अपनी रिपोर्ट 03-12-2013 को सौंपा।
वहीं, कांग्रेस हमलों के बीच शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में हो रही मौतों को व्यापमं घोटाले से जोड़ना ठीक नहीं है। सागर जिले में प्रशिक्षु महिला उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) की मौत के बाद संवाददाताओ से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात की।
आत्महत्या करने वाली प्रशिक्षु उप निरीक्षक की पहचान अनामिका कुशवाहा के रूप में हुई है। वह जिले के जवाहर लाल नेहरू पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षणरत थीं। शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) गौतम सोलंकी ने बताया कि उन्होंने सोमवार सुबह तालाब में कूदकर जान दे दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्महत्या व्यापमं घोटाले से नहीं जुड़ी हुई है। यह एक दुखद घटना है। मैं जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि इस घटना का व्यापमं घोटाले से लेना-देना नहीं है। और इस तरह की दुखद घटनाओं को व्यापम से जोड़ना ठीक नहीं है।